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नवा छत्तीसगढ़

बस्तर में कोंडागांव के राजराम गांव की महिलाएं मछलीपालन की आधुनिक तकनीक से बन रहीं आत्मनिर्भर,,,,,,,,

newindianews/raipur: हमर छत्तीसगढ़ में बस्तर के कोंडागांव के राजाराम गांव की स्व-सहायता समूह की महिलाएं मछलीपालन के लिए आधुनिक पद्धति अपनाकर सशक्त रूप से आर्थिक आत्मनिर्भर बन रहीं हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर में अपने भेंट-मुलाकात अभियान के तहत जब कोंडागांव विधानसभा के राजागांव पहुँचे,तब वहां रूरल इंडस्ट्रियल पार्क जैसे बने गौठान का निरीक्षण किया और वहां उन्होंने पाया कि स्व-सहायता समूह की महिलाएं मछली पालन के लिए आधुनिक पद्धति अपनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है।मुख्यमंत्री भी महिलाओं की कार्य के प्रति लगन व इच्छाशक्ति की सराहना की है।

गौरतलब है कि मां वैष्णवी स्व-सहायता समूह की महिलाएं “बायोफ्लॉक तकनीक अपनाती हैं,जिसके लिए एक छोटी-सी टँकी का उपयोग किया जाता है जिसमें एक तालाब के बराबर मछली का पालन किया जाता है।इसमें मछली के मल से प्रोटीनयुक्त बैक्टीरिया जन्म लेती है,जिसका चारे के रूप में उपयोग लाई जाती है और चारे के लिए अतिरिक्त व्यय से बचत हो जाती है।महिला समूह की सदस्य ममता बच्छड ने यह भी बताई कि करीब 15 हज़ार लीटर की टँकी में 5 किंवटल मछली का पालन किया जा सकता है।इसके बाद,समूह की महिलाओं को 6 महीने के भीतर 70 से 80 हज़ार रुपए की आमदनी हो जाती है।मुख्यमंत्री ने मछलीपालन की पूरी पद्धति को स्वयं देखा और सराहना करते हुए असीम मंगलकामनाएँ भी दीं।

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