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स्मृति ईरानी को कांग्रेसी दिखाएंगे काला झंडा

Newindinews/Bilaspur हुंकार रैली में शामिल होने आ रही स्मृति ईरानी का कांग्रेस के कार्यकर्ता काला झंडा दिखाकर विरोध करेंगे।  इस प्रदेश में गर्भाशय कांड, नशबंदी कांड और आंखफोड़वा कांड हो रहा था तो स्मृति ईरानी कहां थी। पिछले तीन साल से छत्तीसगढ़ में यात्री ट्रेनें बंद है स्मृति ईरानी ट्रेनों को फिर से चालू कराने के लिए क्या कर रही है। सिलेंडर लेकर सड़कों में हायतौबा मचाने वाली स्मृति ईरानी अब मंहगाई को लेकर चुप क्यों है ?
कोरोना के बाद फरवरी में एक दर्जन से अधिक यात्री गाड़ियों के पहियों पर ब्रेक लगाया गया। कहा गया कि टीकारण के बाद जल्द ही गाड़ियों को शुरू किया जाएगा। गाड़ियों का चलना तो दूर 24 अप्रैल से एक महीने के लिए 40 गाड़ियों को स्टेशनों पर खड़ा कर दिया गया। फिर मई मैं 24 ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगाया गया। जून में 36 ट्रेनों को अपग्रेडेशन का हवाला देकर रोका गया। जुलाई में 18 ट्रेन को मरम्मत का बहाना देकर बन्द किया गया। ठीक आजादी पर्व के एक दिन पहले 14 अगस्त को 68 गाड़ियों के पहियों पर रोक लगाया गया। सैकड़ों परम्परागत स्टेशनों पर एक्सप्रेस तो दूर अब पैसेंजर गाड़िया भी नहीं रूकती है। जब इसका विरोध किया गया तो प्रदर्शन करने वालों पर अपराध दर्ज कर दिया गया। पिछले एक साल से पटरियों से यात्री गाड़ियां गायब है। सभी लाइन में मालगाड़ी ही मालगाड़ी दिखाई देती है। रिकार्ड तोड़ कोयला परिवहन से हमे नम्बर एक का दर्जा हासिल हो गया है। लेकिन यात्री सुविधा के नाम पर सारे अधिकार को रेलवे प्रशासन ने बन्धक बना लिया है।
कभी सिग्नल के नाम पर कभी मेन्टनेन्स के नाम पर तो कभी इन्टरलाकिंग के नाम पर यात्री गाड़ियों को बन्द कर दिया जाता है लेकिन यह नियम मालगाड़ियों पर लागू नहीं होता।
श्री केसरवानी ने कहा कि स्मृति ईरानी की हुंकार रैली दरअसल विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का मात्र प्रोपोगेन्डा है। लेकिन केन्द्रीय मंत्री को हुंकार रैली में शामिल होने से पहले कम से कम होमवर्क तो कर लेना चाहिए। पता लगाना चाहिए था कि डॉ.रमन सिंह के कार्यकाल में महिला अपराध को लेकर देश में छत्तीसगढ़ ने हमेशा एक नम्बर हासिल किया है। आज देश में उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात बिहार जैसे राज्य अपराध के मामले में छत्तीसगढ़ से बहुत आगे है। भूपेश सरकार के कार्यकाल में महिला और बाल अपराध में रिकार्ड तोड़ कमी आयी है। स्मृति ईरानी को कम से कम केन्द्र सरकार के अधीनस्थ एनआरसी का आंकड़ा को पढ़ लेना था। दिल्ली में महिलाएं सर्वाधिक असुरक्षित है जबकि पुलिस केन्द्र सरकार की है। श्री केसरवानी ने कहा नौटंकी और धरना प्रदर्शन में माहिर केन्द्रीय मंत्री ईरानी की अभिनय प्रतिभा से हम अच्छी तरह वाकिफ है। जब पेट्रोल डीजल का दाम 65 रूपए था। उस समय मंहगाई के नाम पर सिलेन्डर सिर पर उठाकर हायतौबा कर रही थी। आज सिलेन्डर का दाम, पेट्रोल,डीजल का दाम आसमान पर है। ऐसे में कम से कम उन्हें जमीन पर तो महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए था। लेकिन मोदी भक्त स्मृति ऐसा हरगिज नहीं करेंगी।
१५ साल की रमन सरकार में गर्भाशय कांड, आँख फोड़वा कांड, नसबंदी कांड हुए, तब महिलाओं की मौत पर क्यों थी भाजपा मौन,,
उत्तर प्रदेश के उन्नवा मे भाजपा का दबंग विधायक रेप की को अंजाम देता था! पिडिता को बचाने और न्याय दिलाने के बजाए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मिलने से रोका गया! तब स्मृति ईरानी कहां थी! क्यों नही भरी वहाँ हुंकार…. देश स्मृति ईरानी और केंद्र सरकार के दोहरे चेहरे से वाक़िफ़ है!

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