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स्वतंत्र भारत के आंदोलनों के इतिहास में यह पहला मौक़ा था जब अपने ही लोगों को रोकने के लिए किसी सरकार ने कंटेनरों का प्रयोग किया हो : प्रदेश भाजपाध्यक्ष अरुण साव

Newindianews/Raipur प्रदेश भाजपाध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा भारतीय जनता युवा मोर्चा के कल के ‘हल्लाबोल’ के लिए मैं प्रदेश की जनता को, युवा तरुणाई को बधाई देता हूँ। आप मीडिया जगत के बहन-भाइयों का भी हार्दिक धन्यवाद जिन्होंने अनेक दिक्कतों-दबावों के बावजूद युवाओं की इस आवाज़ को, देश भर में पहुँचाया।

वास्तव में जन घोषणा पत्र को मज़ाक़ बना देने वाली कांग्रेस के ख़िलाफ़ प्रदेश का हर वर्ग आक्रोशित उद्वेलित है। कल का आंदोलन प्रदेश की जनता का आंदोलन था, उनके आक्रोश का ही प्रकटीकरण था यह हल्ला बोल। जिन शासकीय कर्मचारियों को भाजपा शासन में नौकरी मिली, ऐसे 5 लाख लोग भी अभी हड़ताल पर हैं। सारा शासकीय-प्रशासकीय कामकाज ठप है। पूरा प्रदेश रुका हुआ है।

नयी नौकरी देना तो दूर, भाजपा सरकार में स्वीकृत 14,580 शिक्षक भर्ती को भी उसने जान बूझ कर रोका हुआ है। जिस ‘रेडी टू इट’ का काम महिलाओं के हाथ से छीन कर एक निजी कम्पनी को देकर 22 हज़ार से अधिक घरों का चूल्हा जलना बंद कर दिया कांग्रेस ने, जिन संविदा कर्मियों की नौकरी छिनी, जिन्हें वादे के बावजूद स्थायी नहीं किया गया, वे सब आक्रोशित हैं। कल का हमारा सीएम आवास घेराव का आंदोलन ऐसे ढाई-तीन करोड़ छत्तीसगढियों का आंदोलन था, और यह इस आलोकतांत्रिक, लबरी सरकार को उखाड़ फेकने तक जारी रहेगा।

स्वतंत्र भारत के आंदोलनों के इतिहास में यह पहला मौक़ा था जब अपने ही लोगों को रोकने के लिए किसी सरकार ने कंटेनरों का प्रयोग किया हो। ऐसी अभेद्य व्यवस्था अगर प्रदेश की तेज़ी से बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने में करते तो प्रदेश की हालात यह नहीं होती। लेकिन प्रदेश के जाँबाज़ कार्यकर्ताओं ने उस कंटेंटर को भी भेद कर सीएम निवास घेरने में सफल रहे, इसके लिए अभिनंदन।

वास्तव में यह आंदोलन छत्तीसगढ़ के इतिहास में उसी तरह याद अंकित हो गया है जैसे बीस वर्ष पहले के पिछले कांग्रेस शासन के ख़िलाफ़ भाजपा ने किया था। निस्संदेह परिणाम भी वैसा ही आने वाला है, इसमें कोई संदेह नहीं है।

इस आंदोलन की सफलता से घबरा कर, बौखला कर कांग्रेसी अपना आपा खो रहे हैं। लगातार अनाप-शनाप बयानबाज़ी, असभ्य और अशालीन शब्दों का उपयोग, झूठ और फ़रेब कर करके कांग्रेस न केवल मुद्दों को जान-बूझ कर डायवर्ट करना चाह रही बल्कि शालीनता के लिए देश भर में विख्यात छ ग प्रदेश की छवि को भी कांग्रेस ख़राब कर रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमारे क्षेत्रीय संगठन मंत्री, हमारी प्रदेश प्रभारी, हमारे नेता प्रतिपक्ष समेत मेरे बारे में भी अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। और तो और, कल कांग्रेस ने समूचे प्रदेश से उमड़ पड़े युवा शक्ति को ‘गुंडा’ कहा है। छत्तीसगढियों को गुंडा कहने की कांग्रेस की हरकत किसी भी क़ीमत पर हम सहन करने के लिए तैयार नहीं हैं। मुझे जो मर्ज़ी वे कहें लेकिन प्रदेश के ठगे गए युवाओं को गुंडा कहना, उनके ज़ख़्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। यह किसी क़ीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।

लोकतंत्र में सत्ता पक्ष से जवाबदेह होने की अपेक्षा की जाती है। उसे प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देना होता है न कि अनाप-शनाप बोल कर मुद्दों को भटकाना होता है। छत्तीसगढ़ में हम विपक्ष में हैं, सवाल हम पूछेंगे और जवाब उन्हें देना होगा। अगर कांग्रेस को सवाल पूछने का इतना ही शौक़ है तो वे सवा साल और धैर्य रख लें फिर सम्मानित विपक्ष के रूप में कांग्रेस को, भाजपा हर सवालों का जवाब देगी। अभी सारे सवाल उनसे पूछे जाएँगे। जवाब कांग्रेस को देना होगा, हमें नहीं। ऐसा नहीं करने पर जनता तो ख़ैर उन्हें जवाब देने के लिए तैयार है ही।

इन्हें जवाब देना ही होगा कि हर घर रोज़गार के इनके वादे का क्या हुआ। 5 लाख नौकरी देने का डींग इन्होंने किसके कहने पर हांका? वे विधानसभा में केवल मुट्ठी भर नौकरी दे पाने का झूठ पकड़े जाने पर बघेल जी शर्मिंदा क्यों नहीं हुए? प्रदेश से माफ़ी क्यों नहीं मांगा?

निजी कम्पनियों से आंकड़े जुगाड़ लेना आसान है लेकिन काम करना, वादे पूरा कठिन। अपनी ऊर्जा इस सरकार को वादे पूरे करने में लगानी थी, झूठ को सच बनाने में नहीं। और सच यह है कि चपरासी के 90 पदों के लिए वेकेंसी निकलती है तो 2.25 लाख आवेदन आते हैं। 400 सिविल पदों के लिए वेकेंसी निकलती है, 20 हज़ार लोग आवेदन करते हैं। सच यह है कि यहां का मीडिया संस्थान ऑनलाइन सर्वे कराता है युवाओं से तो सर्वे में भाग लेने वाले प्रदेश के 88 प्रतिशत लोग कहते हैं कि रोज़गार के आंकड़े कहीं से भी जमीनी सच्चाई से मेल नहीं खाते हैं। क्या इस सच को भूपेश सरकार की बदज़ुबानी रोक सकती है? क्या किसी पुलिस वाले को जनसम्पर्क का काम देकर आप इस सच्चाई का मूंह बंद कर सकते हैं? ऐसा न तो प्रदेश की जनता होने देगी और न भाजपा ऐसा करने देगी आपको।

कांग्रेस का न केवल विधानसभा में झूठ पकड़ा गया बल्कि बड़े ही दुख की बात है कि कांग्रेस द्वारा किए गए जिन वादों के दस्तावेज़ी प्रमाण है, उससे भी कांग्रेस के लोग मुकर रहे हैं। लिखित में कांग्रेस ने कहा था कि वह 10 लाख युवाओं को 2500/- रुपया महीना देगी। आज तक एक भी युवा को यह नहीं मिला। फिर भी संविधान की शपथ लिए हुए मंत्री सीधे तौर पर झूठ बोलते हैं कि ऐसा कोई वादा कांग्रेस ने नहीं किया था। कल दो-दो मंत्री इस झूठ को बताने मीडिया के सामने आए। इससे दुखद और कुछ नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ के युवाओं के भत्ते का 12 हज़ार करोड़ रुपया ग़बन कर लिया है कांग्रेस ने। यह रक़म ब्याज समेत युवाओं को वापस करे।

क्या यह सही नहीं है कि प्रदेश में दस हज़ार से अधिक ऐसे युवाओं ने ख़ुदकुशी की है जिनकी उम्र 18 से ३0 वर्ष की थी। क्या सदन के इस आकड़े से भी मूंह मोड़ सकते हैं वे। युवाओं-किसानों समेत कुल बीस हज़ार से अधिक आत्महत्याओं का बोझ लेकर भूपेश जी सो कैसे पाते होंगे, यह आश्चर

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