New India News/CG 2025 का मिलादुन्नबी जुलूस हर मायने में ऐतिहासिक और भव्य साबित हुआ। पूरा शहर जश्न की रौनक, सजावट और भाईचारे के संदेश से सराबोर नजर आया। हजारों की भीड़ के बीच सीरत कमेटी के सदर सोहैल सेठी युवाओं की टोली के साथ जुलूस का नेतृत्व करते नजर आए।
जुलूस का आगाज़ और रौनक
फज्र की नमाज़ के बाद बड़ी मस्जिद से जुलूस का आगाज़ हुआ। “या रसूल अल्लाह” और दुरूद-ओ-सलाम की गूंज ने माहौल को रूहानी बना दिया। जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए, फूल बरसाए गए और शर्बत व मिठाइयों का वितरण हुआ।
युवाओं की सक्रिय भागीदारी
जुलूस की सबसे खास बात रही युवाओं की बड़ी संख्या में मौजूदगी। नातख्वानी, ड्रम और बैंड की टोली ने जुलूस को आकर्षक और खुशनुमा बना दिया। युवाओं ने नारे-तकबीर और नात-ओ-कसीदे पढ़ते हुए पूरे माहौल को सरूर और जज़्बात से भर दिया।
सोहैल सेठी का संदेश
सोहैल सेठी ने कहा— “मिलादुन्नबी केवल जुलूस का नाम नहीं बल्कि यह हमें पैगंबर-ए-इस्लाम की सीरत और उनके बताए रास्तों पर चलने की याद दिलाता है। हमें मोहब्बत, भाईचारे, इंसानियत और सेवा की राह अपनानी चाहिए।”
उनका यह संदेश युवाओं पर गहरा असर डालता दिखा।
अनुशासन और सुरक्षा
हजारों की भीड़ के बावजूद जुलूस बेहद अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ। सीरत कमेटी की व्यवस्थाओं और पुलिस-प्रशासन की सतर्कता से पूरे मार्ग पर अमन-चैन कायम रहा।
ऐतिहासिक पहचान
शहरवासियों ने माना कि यह अब तक का सबसे अनुशासित और भव्य जुलूस रहा। समाज सेवा की नई योजनाओं का संकल्प भी युवाओं ने लिया। अमन, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम हर गली-कूचे में पहुंचा।
2025 का मिलादुन्नबी जुलूस न सिर्फ धार्मिक उत्सव रहा बल्कि इंसानियत, एकता और शांति का ऐसा संदेश बन गया जिसने रायपुर को नई मिसाल दी।