Newindianews/Raipur: कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में संगठन चुनाव को लेकर मंगलवार को बुलाई गई थी बैठक, चुनाव प्रभारी हुसैन दलवाई भी मौजूद थे बैठक में जमकर जुबानी तीर चले। कुछ पदाधिकारियों ने संगठन की कार्यशैली पर सवाल उठाएं, तो मरकाम ने भी तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, पहले किस तरह नियुक्ति होती है, यह सभी को पता है। भाजपा और जनता कांग्रेस से आए लोगों को जब संगठन सहित निगम-मंडलों में नियुक्ति दी गई तो कोई कुछ नहीं बोला।
इसके बाद जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बोलने की बारी आई, तो उन्होंने नसीहत देते हुए कहा, प्रदेश अध्यक्ष को इस तरह से नाराज नहीं होना चाहिए। क्योंकि कांग्रेस में केवल अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का अधिकार नहीं है। इसमें हर कार्यकर्ता का अधिकार है। बैठक में चुनाव प्रभारी हुसैन उमर दलवाई और प्रदेश प्रभारी सचिव सप्तगिरी शंकर उल्का भी विशेष रूप से मौजूद थे।
बताया जाता है कि बैठक की शुरुआत में प्रतिमा चंद्राकर, महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला, राजेन्द्र साहू, प्रेमचंद जायसी ने बीआरओ की सूची सहित अन्य विषयों पर अपनी बात रखी। उनका कहना था कि बीआरओ की सूची बार-बार बदली जा रही है। बीआरओ से कोरे कागज में हस्ताक्षर कराए गए हैं। वहीं शुक्ला ने कहा, उनको प्रभारी महामंत्री पद से हटाने के लिए नोटिस भी नहीं दिया गया। इन आरोपों पर मरकाम ने तख्त लहजे में जवाब दिया। उन्होंने शुक्ला से कहा, प्रभारी महामंत्री जैसा पदाधिकारी यदि एक महीने ऑफिस नहीं आएगा तो कार्यकर्ताओं की सुनवाई कैसे होगी।
एक पदाधिकारी से कहा, अभी भाजपा से कांग्रेस में आए तीन साल हुए हैं। संगठन का कामकाज बता रहे हैं। पांच साल में क्या हुआ है हमें भी पता है।कांग्रेस की बैठक खत्म होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम दिल्ली रवाना हो गए। खबरों के अनुसार वे वहां केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की कोशिश में हैं। वहां नियुक्तियों को लेकर चर्चा होनी है। बताया जा रहा है कि एक-दो दिनों में चार पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाया जा सकता है।