Newindaianews/Raipur: प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भूख से हो रही मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित है लेकिन जिनके ऊपर भूख को खत्म करने की जिम्मेदारी है उनकी भूख गरीबों के अनाज से भी जीएसटी वसूल कर अपने खजाने की भूख मिटाने में ज्यादा दिख रही है। केंद्र में बैठी मोदी भाजपा की सरकार को गरीब मजदूर और प्रवासी मजदूरों की चिंता नहीं है। जिस प्रकार से देश में भूख से मौत हो रही है लोग अपनी पेट पर कपड़ा बांधकर, पानी पीकर भूख को मारने के लिए मजबूर हैं।
आजादी के 75 साल बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि अनाज पर भी केंद्र में बैठी सरकार जीएसटी वसूल रही है। मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने मजबूर हैं। बेरोजगारी संकट, महंगाई संकट से देश जूझ रहा है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय की चिंता को भी मोदी सरकार दरकिनार कर अनाज को जीएसटी के दायरे में लाकर गरीबों को भूखे मौत मरने के लिए मजबूर कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि शपथ ग्रहण के दौरान हैं मोदी ने कहा था कि उनके खून में व्यापार है और वह दिख भी रहा है। मोदी सरकार लाभ अर्जित करने किस हद तक गिर सकता है देश देख रहा है। सरकार का दायित्व होता है बिना लाभ-हानि की जनता का सेवा करना दबे कुचले लोगों को समाज के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए प्रयास करना, देश में कोई व्यक्ति भूखा ना रहे और गरीबों के ऊपर किसी प्रकार का टैक्स का अत्याचार ना हो। लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के सरकार के दायित्व बदल गए हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान जिस प्रकार देश के गरीबों के भूख मिटाने योजना बनाकर काम किया गया। कभी अनाज पर टैक्स नहीं लिया गया था। अब मोदी भाजपा सरकार दूध, पनीर के साथ आटा, बेसन, दाल, गेहूं पर भी जीएसटी वसूल रही हैं। बुजुर्गों, खिलाड़ियों और छात्रों को जो ट्रेनों में रियायत और सुविधाएं दी जाती थी सारी समाप्त कर मोदी सरकार अपनी खजाने के भूख को मिटा रही है। पेट्रोल, डीजल पर मनमाना टैक्स वसूला जा रहा है। कांग्रेस शासनकाल में मिलने वाला 400 रू. का रसोई गैस सिलेंडर 1153 रुपए लेने में जनता मजबूर है।