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नवा छत्तीसगढ़

“हमर छत्तीसगढ़” आसिफ इक़बाल की कलम से…

गणतंत्र दिवस परेड में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना से सफलता के रँग फैलेंगे,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ को वर्ष 2022 के गणतंत्र दिवस में राजपथ पर राष्ट्रीय परेड में ‘गोधन न्याय योजना’ पर आधारित बहुआयामी झांकी का प्रदर्शन किए जाने का गौरव हासिल हुआ है।जनसम्पर्क आयुक्त दीपांशु काबरा के मुताबिक,रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर बनाई गई थीम इंडियाज 75 के तहत छतीसगढ़ की झांकी का चयन किया गया है।छत्तीसगढ़ में 2 रुपए की दर से गोबर खरीदकर स्व-सहायता समूहों के माध्यम से उसका कई तरह के उत्पाद बनाने और स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और स्थास्नीय स्तर पर वैकल्पिक संसाधन उपलब्ध कराने की इस योजना को देश भर की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को सशक्त बनानेकी दिशा में एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।झांकी में गाय के गोबर की एकत्र कर विक्रय के लिए संग्रहण करती ग्रामीण महिलाओं को झांकी में दर्शाया जाएगा। ये महिलाएं पारम्परिक आदिवासी वेशभूषा में होंगी,जो हाथों से बने कपड़े व गहने पहने हुए होंगी।एक महिला गोबर से बने उत्पाद को बेचने के लिए बाजार ले जाते हुए दिखाई गई है।महिलाओं के चारों ओर फूलों के गमलों की सजावट की गई है जो गौठानों में साग-सब्जियों व फूलों की खेती की प्रतीक होंगी।नीचे गोबर से बने दीयों की सजावट की गई है।ये दीये ग्रामीण महिलाओं के जीवन में आए स्वावलंबन और आत्मविश्वास को दर्शाएंगे। झांकी में गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क को विकसित होते दिखाया जाएगा कि नई तकनीकों व मशीनों का उपयोग करके महिलाएं किस तरह स्वयं की उद्यमिता का विकास कर रही हैं।झांकी में गाय को ग्रामीण अर्थ व्यवस्था के केंद्र में रखकर किस तरह पर्यावरण संरक्षण,जैविक खेती,पोषण,रोजगार और आय में बढ़ोतरी को विकसित किया जा रहा है।यह भी इस झांकी में दिखाया जाएगा कि राज्य में हो रहा जल-प्रबंधन प्रणालियों,बढ़ती उत्पादकता और खुशहाल किसानों को भित्ती-चित्र शैली में दिखाया जाएगा।इसी क्रम में आगे गोबर से बनी वस्तुओं व गोबर से वर्मी खाद तैयार करती स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।श्री दीपांशु काबरा ने कहा कि इस तरह पूरी झांकी राजपथ पर मनोरम रंग व छटा प्रदर्शित करती गोधन न्याय योजना के महत्व को उगागर करती दिखाई देगी।

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छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों के ख़िलाफ़”चक्रव्यूह”,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में लुटेरों की नई जमात’चिटफंड’कंपनियों का लिबास ओढ़कर आई।इन चिटफंड कंपनियों ने लूट का ऐसा जाल बिछाया कि राज्य के भोले-भाले किसानों से लेकर आम व सरकारी कर्मचारियों को लुभावने सपने दिखाकर उनकी ज़िंदगी भर की गाढ़ी मेहनत की कमाई के लगभग 2 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की रकम लूटकर इन सभी को कंगाल बना गए और खुद करोड़ों की सम्पतियों के मालिक बन बैठे।अब इन सभी चिटफंड कंपनियों की तगड़ी घेराबंदी करने की दिशा में सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू,मुख्य सचिव अमिताभ जैन,पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने ऐसा’चक्रव्यूह’ तैयार किया है कि चिटफंड कंपनियों के सारे संचालक(डायरेक्टर) मारे-मारे फरारी काट रहे हैं।मुख्यसचिव अमिताभ जैन ने सभी 28 जिलों में कमिश्नर व ज़िला कलेक्टरों को चिटफंड कंपनियों के ख़िलाफ़ जांच,धोखाधड़ी के मामले दर्ज़ करने,कुर्की,गिरफ्तारियों में तेज़ी लाने के साफ निर्देश दिए हैं।चिटफंड कंपनियों के फरार संचालकों,एजेंटों व कर्मचारियों को चक्रव्यूह में घेरने सहित इनकी करोड़ों की संपत्तियों(प्रॉपर्टी) को कोर्ट के ज़रिए कुर्की,मामलों की जांच व स्क्रूटनी व नीलामी में परिणामजन्य कार्रवाई करने निर्देशित किया। ताकि निवेशकों की डूबत करोड़ों की स्कम की वापसी होकर राज्य की जनता को ‘राहत’ दिलाई जा सके।सरकार के ठोस संकल्प का असर दिखने भी लगा है।रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने तो चिटफंड कंपनियों के संचालकों की संपत्तियों की नीलामी आगामी 6 जनवरी 2022 को करने की तिथि भी तय कर दी है।इसी तरह राजनांदगाँव के कलेक्टर तरुण प्रकाश सिन्हा द्वारा 16 हज़ार 942 निवेशकों को उनकी चिटफंड कंपनियों में जमा रकम लौटाई जा चुकी है,वहीं बहुत जल्द 1 करोड़ की और रकम वापसी की तैयारी की जा रही है।

हमर छत्तीसगढ़ में बीते कई वर्षों से चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी धड़ल्ले से चल रही थी और लाखों लोगों ने करोड़ो की रकम झांसे में फंसकर गंवा दी।इतना होने के बावजूद भोले-भाले लोग इनके झांसे से बच नहीं पा रहे हैं।आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सरगुजा के अम्बिकापुर में एक युवक पिछले डेढ़ साल से लोगों को रकम दुगुना करने का झांसा देता रहा और लोग चंगुल में फंसते चले गए क्योंकि लोगो में विश्वास जमाने के लिए युवक के कुछ लोगों को कुछ समय उनकी रकम को डबल करके दिया भी।बस इसी भरोसे की आड़ में युवक ने कम्पनी का लेनदेन हर महीने लगभग 15 करोड़ तक पहुंचा लिया और इसी दिसम्बर के आखिरी हफ्ते में करोड़ों की रकम लेकर अम्बिकापुर से रफूचक्कर हो गया,लोग हाथ मलते रह गए।इन सैकड़ों लोगों ने रहम व राहत की मांग लेकर पुलिस कप्तान अमित तुकाराम काम्बले के दफ्तर पहुंचकर ज्ञापन देकर अपनी आपबीती सुनाई।गौरतलब है कि डेढ़ साल से ये गोरखधंधा बेधड़क चलता रहा और पुलिस को भनक भी नहीं लगी।सैकड़ों लोगों की शिकायत सुनकर पुलिस कप्तान कांबले ने अम्बिकापुर सिटी कोतवाली पुलिस को गम्भीरता से जांच करने के आदेश दे दिए हैं।आशा की जा सकती है कि जल्द ही पुलिस को सफलता मिलेगी।

‘हमर छत्तीसगढ़’ में चिटफंड कमोनियों की धोखाधड़ी के मोहजाल की परतें पुलिस की जांच से खुलती जा रहीं हैं।बीते 10 वर्षों से करीब 200 से अधिक चिटफंड कंपनियों का कालाबाज़ार तिलस्म की तरह खुलने लगा है।बताया जा रहा है कि पूरे राज्य में चिटफंड कंपनियों के डेढ़ हजार से अधिक डायरेक्टरों के खिलाफ मामले दर्ज़ हैं,इनके सहित साढ़े तीन से अधिक एजेंटों व कर्मचारियों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस की सफलता यह भी है कि बीते 5 वर्षों में पुलिस अब तक 662 संचालकों के साथ 185 एजेंटों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि इतने ही डायरेक्टर व एजेंट अभी फरारी में भागकर अपने व दूर राज्यों में छिपे चल रहे है।पुलिस सूत्रों का दावा यह भी है कि इन चिटफंड कम्पनियों के पौने 4 लाख से अधिक “निवेशकों”का डेढ़ हजार से अधिक रकम डूबत खाते में है।इन सबके बीच एक सुखद खबर यह भी है कि राज्य के करीब 17 हज़ार से अधिक निवेशकों को करीब सवा ग्यारह करोड़ रुपए वापस मिल गए हैं और ये प्रक्रिया निरन्तर आगे बढ़ती जा रही है।इतना ही नहीं पुलिस ने अब तक 700 करोड़ की सम्पत्तियां(प्रॉपर्टी) राजसात की है और इसे नीलामी करने अनुमति की प्रक्रिया अदालतों के विचाराधीन है और लगभग सवा तीन सौ से अधिक मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं।पुलिस की पहली दफे सराहना की जानी चाहिए कि राज्य के लाखों निवेशकों की करोड़ों की डूबत रकम की वापसी के लिए गम्भीरता व मुस्तैदी से कम करने में जुटी हुई है।

नगरीय निकायों के बाद अब पंचायतोँ के त्रि-स्तरीय चुनाव व उपचुनावों की जंग,21जनवरी 2022 को होगी मतगणना,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में नगरीय निकायों के चुनावों में सत्तारूढ़ कॉंग्रेस ने अभूतपूर्व जीत दर्ज़ की थी।अब गैर-दलीय आधार पर होने जा रहे पंचायतों के त्रि-स्तरीय चुनाव व उपचुनावों की जंग की बिसात बिछनी शुरू हो गई है।छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त ठाकुर रामसिंह ने पंचायतों के चुनावों व उपचुनावों का सम्पूर्ण ब्यौरा घोषित कर दिया है।श्री ठाकुर के मुताबिक,मतदान स्थलों पर ही मतगणना होगी।पंचायतों के आम चुनाव-उपचुनावों की प्रक्रिया 24 दिसम्बर को शुरू हो गई है,जो 24 जनवरी 2022 को समाप्त होगी।मतदान 20 जनवरी 2022 को होगा।पहले चरण में 28 जिलों की 1576 ग्राम पंचायतों,03 ज़िला पंचायत,30 जनपद सदस्यों तथा 235 सरपंचों,1807 पंचों के चुनाव होंगे।इस तरह कुल 2075 के लिए मतदान होंगे।इस चुनाव में यह व्यवस्था रखी गई है। मतदान स्थलों में मतों की गणना की जाएगी।निर्वाचन आयोग की देखरेख में ही सारे चुनाव होंगे।मिली जानकारी के मुताबिक,बिलासपुर-एक जिला 14 सरपंच,113 पंच सहित 128 पद, सरगुजा-3 जनपद,4 सरपंच,49 पंच सहित 56 पद, रायपुर-2 जनपद,7 सरपंच,44 पंच सहित 53 पद, दुर्ग-12 सरपंच,32 पंच सहित 44 पद, बस्तर-1ज़िला,1 जनपद,5 सरपंच,31 पंच सहित 38 पद खाली हैं,जो चुनावों से भरे जाएंगे ।देखना दिलचस्प होगा कि ग्रामीण स्तर पर सरकार किसकी बनती है,हांलाकि चुनाव गैर-दलीय आधार पर होंगे लेकिन पार्टियों के समर्थित उम्मीदवारों की जीत/हार से आंकलन हो सकेगा ।आयुक्त ने यह भी बताया है कि पंचायत के चुनाव-उपचुनाव के लिए 11 हज़ार से अधिक मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है।इन त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों कुल 18,57,235 मतदाता अपने मताधिकारों का इस्तेमाल कर सकेंगे।उन्होंने यह भी बताया कि कुल 2228 मतदान केंद्र निर्धारित किए गए हैं।मतदान के लिए “मतपत्रों” का उपयोग होगा तथा चुनावों के लिए प्रेक्षकों की नियुक्तियां की जा रही है।

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने,अब सडक दुर्घटनाओं में मददगार को मिलेंगे 5 हज़ार,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने यातायात नियमो का सही परिपालन करने के सकारात्मक प्रयास किए जाने लगे हैं।यह सभी जानते हैं कि ‘जीवन अनमोल है’,इसे बचाने में हर किसी को हरसम्भव मदद करनी चाहिए।पहले सड़क दुर्घटनाओं को देखकर व चाहकर भी लोग मदद नहीं करते थे क्योंकि पुलिस व कानून की पेचीदगियों से बचना चाहते थे।अब सड़क दुर्घटनाओं में मदद करने वालों को 5 हज़ार मिलने की घोषणा से अब जान बचाने में सहायता मिलेगी।सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए जा रहे है।अब सड़क पर ब्लैक स्पॉट की पहचान व सुधारने,यातायात संकेतकों का पालन करने,चेतावनी,ट्रैफिक में बाधक होर्डिंग्स,फुटपाथ चौड़ीकरण,ट्रैफिक कालिंग,स्कूल बसों की नियमित चेकिंग व सुधार,हेलमेट लगाने,नशे की हालत में वाहन ना चालने, ड्रायविंग लायसेंस निलंबित करने,सड़क लेन आदि बिंदुओं पर ठोस पहल करने पर विचार होने लगे है।इसी तरह सड़कों पर प्रबल दुर्घटना मोड़ व स्पॉट को चिन्हित करने  व सुधार तथा जिला सड़क सुरक्षा समिति का गठन एवं सामान्य व गहन चिकित्सा प्रबंध आदि पर चर्चा की जाने लगी है।उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकेगी।

नया साल सुहाना रहे तो गांजा तस्करी को रोकना ज़रूरी,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ में नया साल 2022 सुहाना व नशे से दूर रहे तो ज़रूरी है कि पडौसी राज्य ओडिसा से गांजा की खेप व उसकी तस्करी पर लगाम ज़रूरी है।दरअसल,पडौसी ओडिसा राज्य की छत्तीसगढ़ से लगने वाली चौतरफा सीमाएं सड़क मार्ग से खुली हुई हैं,जहां से गांजा की तस्करी बड़े पैमाने पर होती आ रही है।यह सही है कि गांजा की पूरी खपत हमर छत्तीसगढ़ में नहीं हो रही है परंतु यहाँ से यूपी व अन्य राज्यों में तस्करी की जा रही है।इतना ही नहीं गांजा तस्करी का लाखों का गांजा सड़क परिवहन करते हज़ारों किलों पकड़ा भी गया है।इसके बावजूद गांजा तस्करी के अजीब-से अजीब तरीके अपनाए जाते हैं।अभी 2-3 दिनों पहले ही जगदलपुर पुलिस ने गांजा की बड़ी खेप को पकड़कर 2 तस्करों को पकड़ा है। पुलिस ने करीब 11 लाख रुपए का 215 किलो गांजा की खेप पकड़ा है,जिसे ट्रक से परिवहन कर यूपी तस्करी कर ले जाया जा रहा था।जगदलपुर के नगरनार थाना क्षेत्र में गांजा तस्करी मुखबिर की सूचना पर पकड़ा गया।गौरतलब है कि इससे पहले भी ओडिसा-छत्तीसगढ़ की सीमा(बॉर्डर) पर लाखों का गांजा पकड़ा जा चुका है।गांजा तस्करों द्वारा लाखों का गांजा तस्करी करने कभी सब्ज़ी लदी ट्रक तो कभी और दीगर सामानों की आड़ में गांजा तस्करी को अंजाम देने का प्रयास किया जाता है।अक्सर ये गांजा तस्करी पुलिस के चंगुल में फंस जाते हैं।गांजा  परिवहन व तस्करी पर लगाम लगाने छत्तीसगढ़ व ओडिसा,दोनों राज्यों को मिलकर ठोस कानूनी पहल करने की ज़रूरत महसूस की जाने लगी है।

मशहूर शायर बाकर नकवी ने फरमाया है,,,,

“जहां सकून से सो सके कोई
मैं एक उम्र से इस शहर की तलाश में हूँ”

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