कोरबा जिले में हुए DMF घोटाले में गिरफ्तार पूर्व कलेक्टर रानू साहू और आदिवासी विकास विभाग की पूर्व सहायक आयुक्त माया वारियर को आज ED ने विशेष कोर्ट में पेश किया। दोनों आरोपियों की 5 दिनों की कस्टोडियल रिमांड समाप्त होने के बाद कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। इस आदेश के बाद अब रानू साहू और माया वारियर 5 नवंबर तक जेल में रहेगी।
ईडी ने रानू साहू और अधिकारी माया वॉरियर को कथित जिला खनिज फाउंडेशन यानि डीएमएफ मामले में गिरफ्तारी की है। रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने 22 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में रानू साहू को सौंप दिया है।
माया वॉरियर 15 अक्टूबर को और रानू साहू को 17 अक्टूबर को कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 22 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि पिछले साल से एड की ओर से डीएमएफ मामले में यह पहली गिरफ्तारी थी। सबसे पहले ईडी ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कई जगहों पर छापेमारी की थी।
रानू साहू की करीबी रही हैं माया वॉरियर
डीएमएफ घोटाले में ईडी ने कोरबा में आदिवासी विकास विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ माया वॉरियर को गिरफ्तार किया है। उन पर पद पर रहते हुए घोटाले करने का आरोप है। वो 23 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड पर रहेंगी। माया वॉरियर वर्तमान में आदिवासी विकास विभाग मंत्रालय में पदस्थ थीं। रानू साहू कोरबा में रह चुकी है, वो रानू साहू की करीबी रही हैं। कोरबा में अपने कार्यकाल के दौरान रानू साहू के ऊपर भी डीएमएफ में गड़बड़ी का आरोप है। वो पहले से ही जेल में हैं। मंगलवार को ईडी माया वॉरियर को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।