शिंदे गुट के नाम चिट्ठी में चुनाव आयोग ने लिखा- ‘शिंदे गुट द्वारा सुझाया गया चुनाव चिन्ह ढाल-तलवार फ्री चुनाव चिन्ह की लिस्ट में नहीं था. यह ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ के एक पूर्व आरक्षित प्रतीक ‘दो तलवारें और एक ढाल’ जैसा दिखता है, जिसे 2004 में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी… आपके अनुरोध पर आयोग ने “दो तलवारें और एक ढाल (दो तलवारें और ढाल)” को एक स्वतंत्र प्रतीक घोषित करने का फैसला किया है. इसे विवाद में अंतिम आदेश पारित होने तक आवंटित किया गया है.’
सोमवार को उद्धव व शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को तीन-तीन नाम व चुनाव चिन्ह प्रदान किए थे. जिसमें चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के चुनाव चिन्ह वाले तीनों विकल्पों को अस्वीकार कर दिया. आयोग ने शिवसेना के प्रतिद्वंदी गुट के दिए गदा व त्रिशूल को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने से मना कर दिया. इसके पीछे आयोग इनके धार्मिक चिन्ह होने का हवाला दिया. इसके बाद आयोग ने शिंदे गुट के द्वारा भेजे तीसरे चिन्ह उगता सूरज को डीएमके पार्टी के चुनाव चिन्ह जैसा दिखने के कारण अस्वीकार कर दिया. यही वजह थी कि शिंदे गुट को चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं हो पाया. अब आयोग ने शिंदे गुट को मंगलवार को नया चुनाव चिन्ह अलॉट कर दिया है.
8 अक्टूबर को शिवसेना का चुनाव चिन्ह हुआ था फ्रीज
महाराष्ट्र में नई सरकार बनने के बाद से शिवसेना में खींचतान चल रही थी. चुनाव आयोग ने 8 अक्टूबर को शिवसेना का चुनाव चिन्ह तीर कमान फ्रीज कर दिया था. आयोग द्वारा 3 नवंबर को मुंबई के अंधेरी वेस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव तक दोनों गुटों पर पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी थी.