Newindianews/Raipur: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने संसदीय स्थाई समिति द्वारा राज्यसभा में पेश की गई 137 वी रिपोर्ट के हवाले से कहा कि कोरोना के दौरान मोदी सरकार की लापरवाही देश में लाखों मासूम लोगो की जान चली गयी। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार भारत में 47 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। इस भयंकर तबाही का प्रमुख कारण मोदी सरकार का नाकारापन है। मोदी सरकार इतनी अहंकार में डूबी हुई कि राहुल गांधी और कई विशेषज्ञों द्वारा सावधान किए जाने के बावजूद देश में कोरोना से बचाव के लिये किसी भी प्रकार की पूर्व कार्य योजना नहीं बनायी गयी। संसदीय समिति ने स्पष्ट किया है कि मोदी सरकार के निकम्मेपन के कारण ऑक्सीजन, बेड और जरूरी दवाइयों की कमी हुई साथ ही कालाबाजारी और जमाखोरी के हालात पैदा हुए। संसदीय समिति के अनुसार समिति ने अपनी 123वीं रिपोर्ट में सरकार को मेडिकल ऑक्सीजन और बेड की कमी पर चेताया था मगर मोदी सरकार ने पर्याप्तता का झूठा आश्वासन दे दिया जिसका खुलासा दूसरे लहर में हुए भयंकर विनाश के बाद हुआ। समिति ने मोदी सरकार द्वारा ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को नकारे जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि महामारी से बचाव के लिये पीएम केयर्स फंड में देश के लोगों ने खुले दिल से हजारों करोड़ रुपए दान किए थे लेकिन उसका भी सदुपयोग नहीं हुआ बल्कि अमानक वेंटिलेटर दोगुने तिगुने दामों पर खरीद लिए गए। हाल ही में विश्व के प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने खुलासा किया है कि महामारी के दौरान देश में उपलब्ध कराई गई 47 प्रतिशत एंटीबायोटिक दवाएं खराब गुणवत्ता की थी। बड़े शर्म की बात है कि जब महामारी के दौरान देश की जनता बेबसी और मौत से गिरी हुई थी उस समय भी मोदी सरकार मुनाफाखोरी में लगी हुई थी। जनता को उचित स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के बजाय मोदी सरकार महामारी से हो रही मौतों को छुपाने में लगी रही। ऐसी भयंकर त्रासदी में भी जो सरकार संवेदनहीनता दिखाए, जनता के सामने झूठे आंकड़े पेश करे और मुनाफाखोरी करके अपने उद्योगपति साथियों की तिजोरी भरे, ऐसी सरकार इस देश का ऐतिहासिक दुर्भाग्य है।