Newindianews/Raipur देश को श्रीलंका की राह पर मोदी सरकार ले जा रही। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अनर्थशास्त्र और वित्तीय कुप्रबंधन का सबसे बड़ा उदाहरण तो केंद्र की मोदी सरकार है जहां विगत 8 वर्षों में देश पर कुल कर्जा तीन गुना बढ़ा है। नोटबंदी और बिना तैयारी के आधे-अधूरे जीएसटी जैसे अव्यावहारिक फैसलों के चलते महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। केंद्र में हम दो और हमारे दो कि अधिनायकवादी सरकार चल रही है। मोदी सरकार में केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित योजनाएं बनाई जा रही है। पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के लोन राइट-ऑफ किए जा रहे हैं। केंद्र की सत्ता के संरक्षण में बैंकफ्रॉड बढ़ रहें हैं। बैंक, बीमा, रेलवे, बंदरगाह, नवरत्न कंपनियां, देश के संसाधन ओने-पौने दाम पर बेची जा रही है। एक तरफ जीएसटी का कलेक्शन रिकॉर्ड स्तर पर है फिर भी राज्यों को उनके अधिकारों की राशि नहीं दी जाती। 85 प्रतिशत आम जनता की आय घट रही है, लेकिन प्रधानमंत्री के इर्द-गिर्द रहने वाले मित्रों की संपत्ति 20 महीने में 18 गुना बढ़ रही है। विदेशों में भेजा जाने वाला धन तेजी से बढ़ रहा है। भुखमरी इंडेक्स में लगातार बिछड़ते जा रहे हैं। देश में बढ़ती महंगाई बेरोजगारी और असमानता के लिए केंद्र सरकार की गलत नीतियां ही जिम्मेदार है लेकिन धरमलाल कौशिक और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में इतना साहस नहीं है कि वे कह सके कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियां देश को श्रीलंका के वित्तीय हालत की दिशा में धकेल रही है। श्रीलंका में कुल कर्ज जीडीपी का लगभग 113 परसेंट है। मोदी के कुशासन में भी देश को उसके ही आसपास पहुंचा दिया गया है परंतु दलीय चाटुकारिता के चलते समृद्ध होते छत्तीसगढ़ पर धरमलाल कौशिक अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़िया की समृद्धि से धरमलाल कौशिक और छत्तीसगढ़ के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को पीड़ा है। 15 साल के शासन में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के चलते छत्तीसगढ़ को 42,000 करोड़ के कर्ज में डुबाने आने वाले हैं भाजपाई भूपेश बघेल सरकार के वित्तीय अनुशासन और प्रबंधन पर तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं। 2003 में जब रमन सिंह की सरकार आई तब प्रदेश पर कोई कर्जा नहीं था बल्कि सरप्लस फंड था। छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन, बिजली, पानी, खनिज सहित सभी संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद रमन राज के 15 साल के कुशासन में छत्तीसगढ़ को गरीबी रेखा में नंबर वन बनाया गया, राष्ट्रीय औसत से लगभग दुगुने। फिर भी 42,000 करोड का कर्ज विरासत में देकर गए जिसका ब्याज और मूलधन भी भूपेश बघेल सरकार पटा रही है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार पर कुल कर्ज केंद्र सरकार द्वारा रोकी गई छत्तीसगढ़ के हक और अधिकार की राशि 55,000 करोड़ रू. से कम है और आरबीआई के द्वारा तय सीमा के भीतर है। रमन राज में 15 साल छत्तीसगढ़ के युवाओं के रोजगार के अधिकार को आऊटसोर्सिंग करके बेचने का काम करते रहे। कुपोषण, एनीमिया और मलेरिया से होने वाली मौत ही छत्तीसगढ़ की पहचान बना दी गई थी। 21 लाख फर्जी राशन कार्ड बनाकर 36,000 करोड का गरीबों के राशन में डकैती का नान घोटाला सर्वविदित है। डीकेएस घोटाला, महिला नागरिक सहकारी बैंक घोटाला, घटिया एक्सप्रेस-वे, अनुपयोगी स्काईवाक, घटिया मोबाइल, कमीशन खोरी के लालच में अधिकारियों के बंगले में स्विमिंग पूल और 2- 2 मंजिल की बिल्डिंग में 4-4 लिफ्ट लगाने वाले भाजपाइयों को छत्तीसगढ़ की जनता भूली नहीं है। भूपेश बघेल ने तो वित्तीय अनुशासन और कुशल प्रबंधन से समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। विगत 3 वर्षो से कृषि, उत्पादन और सेवा अर्थव्यवस्था के इन तीनों क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। विधानसभा में प्रस्तुत है चालू वर्ष के बजट में लगभग 700 करोड़ से अधिक का राजस्व अधिक भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धि और छत्तीसगढ़ की समृद्धि का प्रमाण है। 15 साल वादाखिलाफी करने वाले भाजपाई वादा पूरे करने वाले सरकार पर अनर्गल आरोप न लगाएं।