- पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय कार्यों की समीक्षा की
- सिकलसेल, टी.बी. और कुष्ठ रोग के उन्मूलन में तेजी लाने के निर्देश दिए
Newindianews/Raipur प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज विभागीय कार्यों की समीक्षा की। महासमुंद जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने महासमुंद मेडिकल काॅलेज और स्वास्थ्य विभाग के कार्यों के साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में मेडिकल कॉलेज को दवाईयों के लिए सीजीएमएससी को इंडेंट देने के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डाॅक्टरों को जेनेरिक दवाईयां ही प्रिस्क्राइब करने कहा ताकि लोगों को सस्ते दरों पर इलाज मुहैया हो सके। बैठक में वन विकास निगम के अध्यक्ष एवं बसना विधायक श्री देवेन्द्र बहादुर सिंह, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त डाॅ. सी.आर. प्रसन्ना और महासमुंद मेडिकल कॉलेज की डीन डाॅ. यास्मिन खान भी उपस्थित थीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों को ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए जिससे कि मरीजों को ज्यादा से ज्यादा दवाईयां निःशुल्क मिलें। उन्होंने जिले के अस्पतालों में सीजीएमएससी द्वारा भेजी गई दवाईयों को लेने के लिए पुश करने कहा। श्री सिंहदेव ने सिकलसेल, टी.बी. और कुष्ठ रोग के उन्मूलन के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने डाॅ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत शासकीय अस्पतालों में आईपीडी मरीजों को उपलब्ध कराए गए इलाज की क्लेम राशि के प्रस्ताव ज्यादा से ज्यादा संख्या में भेजने कहा। उन्होंने जिले के अस्पतालों द्वारा क्लेम के लिए कम संख्या में प्रस्ताव भेजने पर नाखुशी जतायी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने समीक्षा बैठक में जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों की स्थिति, उपकरणों और दवाओं की उपलब्धता तथा स्टाफ की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के लिए अलग से एमबीबीएस डाॅक्टरों की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने जिले में कोविड टीकाकरण की प्रगति की भी जानकारी ली।
श्री सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न येाजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने नरवा, गरवा, घुरवा, बारी योजना के तहत गौठान एवं चारागाह निर्माण से संबंधित कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने मनरेगा, गोधन न्याय योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, रूर्बन मिशन, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, जीपीडीपी, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, चैदहवें वित्त आयोग के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को वितरित राशि तथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्याें की समीक्षा की।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि जिले के 551 गौठानों में से 358 में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर की खरीदी की जा रही है। जिले के अलग-अलग गौठानों में कुल 3802 स्व-सहायता समूहों की महिलाएं विभिन्न रोजगारपरक गतिविधियों में संलग्न हैं। जिले के 129 चारागाहों में कुल 751 एकड़ में चारागाह विकसित किया गया है। मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत जिले में बनने वाले 75 सरोवरों में से 53 के लिए प्राक्कलन तैयार किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3277 नए परिवारों में व्यक्तिगत शौचालय और 262 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं।
महासमुंद मेडिकल काॅलेज के कार्याें की समीक्षा के दौरान डीन डाॅ. यास्मिन खान ने बताया कि नए मेडिकल काॅलेज के लिए खरोरा में 90 एकड़ जमीन चिन्हांकित की गई है। उन्होंने काॅलेज और इससे संबद्ध अस्पताल के लिए स्वीकृत सेटअप की जानकारी दी। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.आर. बंजारे ने बैठक में बताया कि मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के माध्यम से वर्ष 2021-22 में जिले के 89 हाट बाजारों में एक लाख 12 हजार से अधिक लोगों को इलाज उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान जिले में 17 हजार 299 संस्थागत प्रसव कराए गए हैं। बीते वित्तीय वर्ष में करीब 18 हजार बच्चों का नियमित टीकाकरण किया गया है। समीक्षा बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस. आलोक, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री यतेन्द्र साहू और सिविल सर्जन डाॅ. एन.के. मंडपे सहित अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद थे।