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नवा छत्तीसगढ़

“हमर छत्तीसगढ़” आसिफ इक़बाल की कलम से… अंक 24

छत्तीसगढ़ की खदानों से देश के 5 राज्यों के बिजलीघरों को कोयला आपूर्ति,,,,


कोल इंडिया से संबद्ध एसईसीएल की छत्तीसगढ़ की खदानों से 5 राज्यों मध्यप्रदेश,गुजरात,पंजाब,महाराष्ट्र के बिजलीघरों को 120 वैगनों से कोयला की अपेक्षाकृत अधिकतम आपूर्ति की जा रही है।बताते हैं कि 20 यात्री गाड़ियां बंद हैं।इसलिए 120 वैगनों को जोडकर लॉन्ग हाल से फेरे बढाकर कोयला आपूर्ति की जा रही है।यहां यह भी बताना जरूरी है कि पहले एक बार में 3600 टन की रैक भेजी जाती थी और अब 120 वैगनों से 7200 टन कोयला भेजा जा रहा है।पहले 36 रैक कोयला भेजा जा रहा था लेकिन अब प्रतिदिन औसतन 47 रैक कोयला भेजा जा रहा है।अतिरिक्त 11 रैक बढ़ाने से 5 राज्यों के बिजलीघरों को राहत मिली है।गौरतलब यह भी है कि बीते 25 दिनों से छत्तीसगढ़ की खदानों से 4.50 लाख टन कोयला उत्पादन हो रहा है और इतना ही कोल परिवहन भी किया जा रहा है।यहां यह भी बताना जरूरी है कि एसइसीएल की छत्तीसगढ़ की खदानों से देश का 25 फीसदी हिस्सा कोयला उत्पादन होता है।इस भीषण गर्मी में भी 24 घण्टे लगातार कोयला उत्खनन होकर परिवहन भी किया जा रहा है।यह अपने-आप में बड़ी जिम्मेदारी से कर्तव्य निर्वहन किए जाने का द्योतक है।बिजलीघरों में कोयला-संकट को देखते हुए अधिकारी उत्पादन 5 लाख टन प्रतिदिन तक बढ़ाने की कोशिशें कर रहे हैं।

झीरम घाटी मामले में हाईकोर्ट ने नए न्यायिक आयोग के कामकाज पर लगाई रोक,,,,


छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने झीरम घाटी मामले में भूपेश-सरकार द्वारा गठित नए न्यायिक जांच आयोग के काम पर रोक लगा दी है और नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।मामले पर अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी।यह याचिका नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने दायर की है।हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी व जस्टिस सामंत की डबल बैंच ने फैसला सुनाया है।जिसमें नए जांच आयोग के गठन की वैधानिकता को चुनौती दी गई है।धरमलाल कौशिक ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि  जस्टिस प्रशांत मिश्रा की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी।जिसे 6 माह के भीतर विधानसभा में पेश किया जाना था लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना ही दूसरा जांच आयोग गठित कर दिया गया है।याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी व विवेक शर्मा ने पक्ष रखा।बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता की ओर तीन बिंदुओं पर आपत्ति उठाईं गई है,जिसमें वैधानिक न्यायिक जांच रिपोर्ट को 6 माह के अंतराल में रिपोर्ट को विधानसभा में पेश नहीं किया जाना और एक ही घटना व मद्दे पर दोबारा जांच की अनुमति नहीं है।हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष जानने के बाद दूसरे न्यायिक जांच आयोग के कामकाज पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है।गौरतलब है सरकार द्वारा दूसरा दो सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन 11 नवम्बर 2021 को नोटिफिकेशन जारी कर किया था।मालूम रहे कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में 29 कांग्रेस नेताओं की नृशंस हत्या कर दी गई थी।

कोयला-भंडार जब खत्म होगा,तब कोरबा जिले और खदानों का क्या होगा,,इस पर चिंतन,,,?

हमर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला देश में कोयला आपूर्ति का अकेले 16 फीसदी हिस्सा उत्पादित करता है।मालूम रहे कि छत्तीसगढ़ सहित देश भर की कोयला खदानें सीधे कोल इंडिया के अधीन आती हैं।बताया जा रहा है कि कोल इंडिया घाटे में चल रही करीबन 300 खदानों को बंद करने पर विचार कर रही है,जिसमें से छत्तीसगढ़ की दो तिहाई खदानें घाटे में चल रही हैं।गौरतलब है कि कोरबा ज़िले से ही बीते साल 7 हज़ार 150 करोड़ का केंद्रीय टैक्स भारत सरकार को दिया गया है।ऐसे में बड़ा ज्वलंत सवाल खड़ा हो गया है कि क्या होगा जब आगामी 30 सालों में कोयले का प्रचुर भंडार  खत्म हो जावेगा,इससे जुड़ी अर्थ-व्यवस्था से लेकर अन्य विकल्पों पर गहन चिंतन शुरू हो गया है।इसी के मदद्देनज़र देश की गैर-सरकारी संस्था आई-फारेस्ट ने छत्तीसगढ़ के कोरबा ज़िले पर एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य शासन से शेयर की है ताकि कोयला आधारित अर्थ-व्यवस्था खत्म होने पर प्रदेश व कोरबा ज़िले के लिए वैकल्पिक अर्थ-व्यवस्था किस प्रकार की हो सकेगी।आई-फारेस्ट संस्था के प्रमुख चंद्रभूषण ने मीडिया को बताया कि  कोयले से मुख्य तौर पर बिजली का उत्पादन होता है और इससे उत्पादित बिजली महंगी होती जा रही है।इसकी तुलना में सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा या पनबिजली सस्ती होती जा रही है।ऐसे में लोग सस्ती बिजली खरीदेंगे तब कोयला खदानों का क्या होगा और ऐसे खदान वाले इलाकों का क्या होगा?यही सवाल कोरबा ज़िले के भविष्य को लेकर पैदा हो रहा है और उसके भविष्य की इस रिपोर्ट में तलाश की जा रही है।इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोयला उत्पादन में अकेले कोरबा ज़िले का कितना बड़ा योगदान है।गौरतलब यह भी है कि पूरे झारखंड राज्य में उत्पादित कोयले से अधिक कोरबा ज़िले का कोयला उत्पादन है और यह देश मे 16 फीसदी हिस्सा रखता है।कोरबा ज़िले को लेकर संस्था आई-फॉरेस्ट ने अपने अध्ययन में अर्थ-व्यवस्था,रोज़गार,कारोबार,टैक्स और कोयला उत्पादन आदि  तथ्यों को सामने रखा है।इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से यह बताया गया है कि कोयला खदानें बंद होने और कोयला उत्पादन में कमी आने या घटने पर करीबन 30 बरस बाद वहां किस तरह की वैकल्पिक ज़िंदगी होगी और राज्य सरकार को किस व कौन-कौन-सी तैयारी करनी होंगी।रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरबा ज़िले के आधे थर्मल पावर प्लांट 30 साल पुराने हैं,और इनके 40 बरस बाद  सबके बंद हो जाने की संभावना है।इसलिए यहां के बिजली व खदान के मजदूर-कर्मचारी भविष्य में किस तरह का रोज़गार पा सकते हैं,इस पर आधारित योजना तैयार करनी चाहिए,ताकि प्रदेश भर व इस ज़िले में कोयले के बाद की ज़िंदगी में फेरबदल या तब्दीली लाई जा सके।कोयला भंडार खत्म होने के बाद कोरबा ज़िले में कोयला आधारित उद्योगों,जैसे थर्मल पावर प्लांट,सड़क परिवहन,कोल वाशरी से जुड़े करीबन 85 हज़ार मजदूरों पर प्रभाव पड़ेगा,तब वे क्या महसूस करेंगे,यह विचारणीय सवाल होगा।कुल मिलाकर,कोरबा ज़िले के सामाजिक-आर्थिक सहित समग्र विकास पर गम्भीरता से ध्यान दिए जाने की ज़रूरत होगी।
मुख्यमंत्री ने मां की तस्वीर साझा कर मदर्स-डे को बनाया स्पेशल,,,,,,

मदर्स-डे हर साल मई महीने के दूसरे हफ्ते मनाया जाता है,लेकिन इस दफे 8 मई को पूरी दुनिया में मनाया गया और हमर छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कुछ अलग अंदाज़ में मनाया।मुख्यमंत्री ने अपनी मां के संग अपनी तस्वीर साझा करके अपने दिल की बात कर सभी को भावुक कर दिया।मुख्यमंत्री ने मदर्स-डे पर ट्वीट कर अपनी महतारी(मां) संग बड़ी सुंदर तस्वीर साझा कर कहा कि”मुझे हमेशा लगता है आप यहीं कहीं हैं मेरे आसपास”।मां और बच्चे के बीच एक ख़ास रिश्ता होता है।बच्चे चाहे कितने भी भी बड़े हो जाएं,मां के लिए बच्चे ही रहते हैं।गौरतलब है कि मदर्स-डे मनाने की शुरुआत अमेरिका की महिला एना जार्विस ने अपनी मां के निधन के बाद उनकी याद में मनाया था।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को राशन लेने पहाड़ की चढ़ाई से दिलाई निजात,,,,,,,,
आज के दौर में  ग्रामीणों को राशन लेने के लिए 16 किलोमीटर दूरस्थ पहाड़ों की चढ़ाई व उबड़-खाबड़ जोखिम भरे रास्ते पर  आना-जाना पड़ता है।क्या ऐसा हो सकता है?यह ज्वलंत सवाल उठा भी तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ठीक सामने और मुखिया ने इस समस्या से ग्रामीण-परिवारों को तत्काल निजात दिलवा दी।बात है भटगांव विधानसभा क्षेत्र की,जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात करने ग्राम सुदुरगढ़ पहुंचे।मुख्यमंत्री ने वहां चौपाल लगाईं, तब ग्रामीणों ने अपनी ढेरों व्यथा सुनाई।उसी समय गड़ईपारा निवासी हरिलाल ने अपनी समस्या बताई और कहा कि 25 परिवारों को कुदरगढ़ की दुकान से राशन लेने 16 किलोमीटर पहाड़ों पर चढ़कर ढाई घण्टे में राशन लेने जाना पड़ता है।पूरा रास्ता पथरीला व नदी-नालों से जोखिम भरा होता है।ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उनके गांव के पास की पंचायत की राशन दुकान से सभी को जोड़ दिया जाए।समस्या सुनकर व दिक्कतों को जानकर तत्काल घुड़ई गांव की राशन दुकान से हितग्राहियों के नाम जोड़ने निर्देशित किया।इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया,संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े और अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू की भी उपस्थिति रही।(दैनिक नवप्रदेश से साभार)।
नेत्रहीन बहनों रिया व चंदा का पूरा इलाज कराएगी भूपेश सरकार,,,,,
हमर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है।इस दफे उन्होंने अपने रामानुजगंज प्रवास के दौरान आरागाही गांव में भेंट-मुलाकात के समय जब एक मां अपनी 2 नेत्रहीन बेटियों रिया व चंदा को लेकर मिलने आई और रो रही थी,मुख्यमंत्री भी बेहद द्रवित हुए और उन्होंने तत्काल घोषणा की कि दोनों बच्चियों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी और दिल्ली या चेन्नई या जहां भी बेहतर होगा समूचा इलाज कराया जावेगा और उनके साथ मां व अस्पताल का स्टाफ भी जावेगा।
मध्यप्रदेश में सिवनी ज़िले के शहर सिवनी के चर्चित युवा शायर मिन्हाज कुरैशी फरमाते हैं,,,,
“हसरत से देखते रहे दीवारों दर को हम,,
मां क्या गई कि रूठ के रौनक चली गई,,”

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