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“हमर छत्तीसगढ़” आसिफ इक़बाल की कलम से…

जिंदल स्टील एंड पॉवर को कोविड काल में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए मिला सीएसआर एक्सीलेंस अवार्ड,,,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ के रायगढ़ ज़िले की देश प्रसिद्ध नामी कम्पनी “जिंदल स्टील एंड पॉवर कम्पनी लिमिटेड”(जेएसपीएल) और इसकी सेवा शाखा जेएसपीएल फाउंडेशन ने कोविड-19 के संकटकालीन समय में छत्तीसगढ़,ओडिसा,झारखंड,दिल्ली,उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में 10 लाख से अधिक ज़रूरतमंदों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई जबकि कोविड की दूसरी लहर के दौरान देश भर के अस्पतालों में 05 हज़ार टन मेडिकल लिक्विड आक्सीजन भी उपलब्ध कराई गई।इसके साथ ही रायगढ़ और तमनार के फोर्टिस-ओपी जिंदल हॉस्पिटल और अंगुल में विशेष कोविड सेंटर की स्थापना कर 600 बेड की व्यवस्था की गई,जहां आईसीयू,वेंटिलेटर व अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई।इसके अलावा लाखों फेसमास्क,हज़ारों लीटर सैनिटाइजर का वितरण समुदायों के बीच किया गया।इसी दौरान किसानों एवं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था कर उन महिलाओं की निरंतर आजीविका का इंतज़ाम भी फाउंडेशन द्वारा किया गया।मिशन ज़ीरो हंगर और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किए गए मानवीय कार्यो को सर्वत्र सराहना मिली।कोविड काल के दौर में सरकार और समुदायों को बहुआयामी सहयोग प्रदान करने में भी उल्लेखनीय कार्य करने के वास्ते जेएसपीएल और इसकी सेवा शाखा जेएसपीएल फाउंडेशन को “सीएसआर एक्सीलेन्स” अवार्ड-सम्मान प्रदान किया गया है।महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुम्बई के नरीमन प्वाइंट स्थित यशवंतराव चव्हाण सेंटर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में जिंदल कम्पनी को कोविड महामारी के वक़्त मानवीय व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए “सीएसआर एक्सीलेन्स अवार्ड-सम्मान प्रदान किया गया,जिसे जिंदल के सीएसआर प्रमुख(हेड) प्रशांत होता ने राज्यपाल से ग्रहण किया।श्री होता ने सम्मान ग्रहण करने के उपरांत इस बहुआयामी सम्मान की उपलब्धि व बेजोड़ सेवा कार्य का समूचा श्रेय जिंदल कम्पनी के चेयरमैन नवीन जिंदल तथा फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिंदल के प्रेरणादायी नेतृत्व और अग्रिम पंक्ति के कोरोना वारियर्स को दिया।अवार्ड-सम्मान प्राप्त होने पर कम्पनी की सेवा शाखा फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिंदल ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि कोविड महामारी पूरी मानवता के लिए चैलेंज है,जिसका समाज,स्वास्थ्य और अर्थ व्यवस्था पर गम्भीर प्रभाव पड़ा है।जेएसपीएल फाउंडेशन ने कोविड महामारी की संकट की घड़ी में लोगों का जीवन बचाने का हर संभव प्रयास किया गया।लोगों का जीवन बचाने जहां लाखों लोगों को भोजन दिया गया,वहीं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़कर देश भर के अस्पतालों को लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की पूर्ति भी की गई,ताकि मानवता की सेवा हो सके।श्रीमती शालू जिंदल ने “सीएआर एक्सीलेंस अवार्ड-सम्मान” के लिए सीएआर जर्नल और निर्णायको के मंडल और लाभार्थियों के समुदायों के प्रति तहेदिल से अपार स्नेह व सादर आभार भी व्यक्त किया।

कोंडागांव की महिलाओं का बनाया खाद्य उत्पाद कोंडानार ब्रांड छा गया दुबई एक्सपो में,,,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ में बस्तर के आदिवासी बहुल ज़िला कोंडागांव की महिलाओं द्वारा बनाया गया “कोंडानार ब्रांड” दुबई एक्सपो में छा गया है।इन आदिवासी महिलाओं ने स्व-सहायता समूह के माध्यम से कृषि-खाद्य उत्पाद का निर्माण करने में अपार सफलता अर्जित की है और इन्होंने चटनी,अचार,कुकीज़,मिल्कशेक,तीखुर,नारियल तेल सहित अन्य 30 से ज़्यादा खाद्य सामग्रियां बनाने का काम किया है।ये महिलाएं इन उत्पादों का स्वयं निर्माण करती हैं और इनकी बिक्री भी करती हैं।इन महिलाओं ने जो कम्पनी “उड़ान किसान प्रोड्यूसर कम्पनी”बनाई है।ये अपनी कम्पनी के माध्यम से कोंडानार ब्रांड के नाम से कृषि-खाद्य उत्पादों का निर्माण कर बिक्री करती हैं।गौरतलब है कि इस कम्पनी में 10 बोर्ड ऑफ डायरेक्टर हैं और उसमें 30 से ज़्यादा महिला स्व-सहायता समूह जुड़े हैं।भारत सरकार के लघु,सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर कोंडागांव ज़िले की आदिवासी महिलाओं को सम्मानित किया है।कृषि-खाद्य उत्पादों के निर्माण और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभागीय केंद्रीय राज्य मंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा ने इसके कंसल्टेंट सिद्धार्थ पांडेय को अवार्ड प्रदान किया।एमएसएमई मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में 5 ट्रिलियन डॉलर इकानामी इन्वेस्टमेंट एंड बिजनेस समिट के आयोजित अवार्ड कार्यक्रम में यह अवार्ड बस्तर में कोंडागांव ज़िल की आदिवासी महिलाओं को दिया गया।कोंडागांव के ज़िला कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा के बताया है कि कम्पनी में 200 से ज़्यादा आदिवासी महिलाओं को हर महीने 7500 रुपए वेतन मिलता है और इनके द्वारा बनाया गया कोंडानार ब्रांड देश के साथ दुनिया में
ब्रांड का नाम चमक रहा है।बताया गया है कि दुबई एक्सपो में कोंडानार ब्रांड को वर्चुएल प्लेटफार्म पर रखा गया है जहां से कई देशों के लोगों ने प्रोडक्ट्स की जानकारी चाही है।इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केआदिवासी महिलाओं को अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए कहा कि बस्तर की आदिवासी महिलाओं ने सोशल इनटरप्रेन्योर बन कर एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।कॉंग्रेस सांसद राहुल गांधी को भी इनके उत्पाद का स्वाद काफी पसंद आया था और इसे आगे बढाने का भी सुझाव दिया था।भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि आदिवासी महिलाओं के लगन व परिश्र्म से छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिल गई है।

कुम्हारी क्षेत्र में सार्वभौम विकास की इबारत लिखी जा रही,23 करोड़ की लागत से बनेगी बहुआयामी सब्ज़ी मंडी,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में चौतरफा विकास हो रहा है,इसी क्रम में कुम्हारी क्षेत्र में भी कार्य हो रहें हैं और आगे विकास की नई कड़ियाँ जुड़ने लगी हैं।मुख्यमंत्री ने कुम्हारी में 23 करोड़ रुपए की लागत से थोक सब्ज़ी मंडी के निर्माण की घोषणा की है।भूपेश बघेल ने उक्ताशय की घोषणा कुम्हारी क्षेत्र में 5 करोड़ 72 लाख के विकास कार्य एवं 1 करोड़ 52 लाख के भूमिपूजन कार्य करते हुए की।यहां मालूम रहे कि मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि
कुम्हारी क्षेत्र में अभी 94 करोड़ के विकास कार्य चल रहे हैं जबकि 100 करोड़ के विकास कार्य अभी शुरू होने जा रहे हैं।उन्होंने महामाया उद्यान के करीब खनिज खदान के पुनरोद्धार की भी घोषणा की।मछुआरों को रोज़गार मुहैया कराने के लिए यहां मछलीपालन जैसी गतिविधियां कराने के भी निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 3 सालों में कुम्हारी की तस्वीर बदली है आगे 3 सालों में कुम्हारी आने वाले इसे पहचान नहीं पाएंगे।भूपेश बघेल ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कुम्हारी जहां ना बेहतर स्वास्थ्य की सुविधाएं थी, ना अच्छी शिक्षा व्यवस्था थी।इस शहर में अब हर सुविधाएं उपलब्ध हैं।अबअच्छा अस्पताल है,दोआत्मानंद अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल हैं,जो कुम्हारी व जजंगिरी में चल रहे हैं,इसके अलावा महाविद्यालय भी आरंभ किया गया है।कुम्हारी जो रायपुर व भिलाई को जोड़ता है,यहां जन सुविधाओं का बेहद अभाव था,लेकिन अब हमने मौजूदा सूरत व हालात बदलने का निर्णय लिया हैं।इसी। उद्देश्य से विकास कार्यों के लोकार्पण पर महामाया उद्यान पहुंचे लोगों को पाकर भूपेश बघेल ने प्रसनन्ता ज़ाहिर की।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कुम्हारी गौठान का काम बेहतर ढंग से संचालित हो रहा है।यहां पर स्व-सहायता समूह की महिलाएं केले की खेती कर रहीं व केले को बेच भी रहीं हैं।यहां गोधन “गोबर” की प्रचुर मात्रा है ,जिसका उपयोग बिजली उत्पादन के लिए किए जाने पर विचार किया जा रहा है।इससे दोहरा लाभ लिया सकता है,बिजली का उत्पादन हो सकेगा,और वर्मी पोस्ट का उत्पादन तो कर ही सकते है।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर महामाया उद्यान का निरीक्षण भी किया।इस उद्यान को 1करोड़ 27 लाख की लागत से तैयार किया गया है।उन्होंने महामाया उद्यान की सुंदरता की सराहना की।इस अवसर पर खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन ने भी कुम्हारी के नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भूपेश बघेल की सरकार की योजनाओं से बीते 3 वर्षों में सभी वर्गों को लाभ मिला है।सरकार खुशहाली के लिए बेहतर तरीके से काम में जुटी हुई है।कुम्हारी नगर पालिका के अध्यक्ष राजेश्वर सोनकर ने कहा कि भूपेश-सरकार की देखरेख में कुम्हारी के विकास के लिए तेजी से काम हो रहे हैं और कुम्हारी तेजी से विकास की सोर बढ़ रहा है।

मानिकपुर खुली खदान ने समय से पहले कोयला उत्पादन का रिकार्ड लक्ष्य पूरा किया,,,,,,,,

‘हमर छत्तीसगढ़’में कोरबा ज़िले में स्थित मानिकपुर की खुली खदान(ओपन कास्ट माइंस)ने वर्ष 2021-22 में समय से पहले कोयला उत्पादन का रिकार्ड लक्ष्य पूरा कर दिखाते हुए 49 लाख टन कोयला उत्पादन किया है।साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड(एस ईसीएल) के तकनीकी निदेशक एस के पॉल ने स्वयं मानिकपुर पहुंचकर पूरी टीम को बधाइयां दी और कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि मानिकपुर को आगामी वर्षों में कोयला उत्पादन का जो भी लक्ष्य दिया जाएगा,वह निश्चित समय से पहले पूरा हो जावेगा।यह मानिकपुर की कार्य-संस्कृति का सुखद परिणाम है कि लगन व परिश्र्म से समय से पहले लक्ष्य पूरा कर दिखाया है।कोलफील्ड्स के कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधक विश्वनाथसिंह ने भी मानिकपुर खदान की टीम को बधाई देते हुए कहा कि खदान श्रमिकों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता के साथ कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना गर्व की बात है।उन्होंने आगे कहा कि मानिकपुर माइंस ने वर्ष 2014-15 से लगातार आठवें वर्ष अपने लक्ष्य को पूरा किया है।तकनीकी निदेशक श्री पॉल ने बताया कि वर्ष 2017-18 तक कोयला उत्पादन 35 लाख टन था।इसके बाद 49 लाख टन कोयला उत्पादन के लिए पर्यावरण अनुमति मिलने के बाद लगातार 4 वर्षों से 49 लाख टन कोयला उत्पादन हो रहा है।मानिकपुर के महाप्रबंधक दीपक पंड्या ने भी मानिकपुर खदान के श्रमिकों को बधाई दी और कहा कि उत्पादन के साथ हमने अभी तक 50 लाख टन कोयला डिस्पैच तथा 149 लाख क्यूबिक मीटर ओबीआर भी किया गया और यह सब यहां के श्रमिकों की मेहनत व लगन का परिणाम है और कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने में श्रमिक प्रतिनिधियों व ठेका श्रमिकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका हैऔर सभी बधाई के पात्र हैं।मानिकपुर के खान प्रबंधक एच के प्रधान ने भी सभी श्रमिकों के साथ अधिकारियों व कर्मचरियों को बधाई दी।मानिकपुर के सभी विभाग प्रमुख ईस्माइल कुरैशी,जेसी ठाकुर,थिरु कुमारन,ए मंडल,पी के दास,विनोद सिंह,सुरेश कुमार,पी चंद्रकांत के प्रति आभार व्यक्त किया है।

कवर्धा में भूमिहीन परिवारों को जल्द मिलेगा आवासीय पट्टा,,,,,

कवर्धा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत राजीव गांधी आश्रय योजना का लाभ बहुत जल्द भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टा देने का काम अब अंतिम चरण में है और अप्रैल में नवरात्रि के समय पट्टा वितरण होने की संभावना है।इसके लिए सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है।गौरतलब है कि कवर्धा के विधायक व भूपेश-सरकार में वन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देश पर कलेक्टरेट की नजूल शाखा व नगर पालिका की टीम ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है और नगर पालिका के सभी वार्डों में शहरी क्षेत्रों में 4362 परिवारों का सर्वे काम को पूरा किया गया है,जिसमें से कुल 1712 पात्र व अपात्र परिवारों का पुनः सत्यापन किए जाने के लिए एक टीम का गठन किया गया है।यहां बता दें कि कोरोना काल में सर्वे काम में देरी हुई है लेकिन केबिनेट मंत्री मो. अकबर के निर्देश पर तमाम सुरक्षा व सावधानी बरतते हुए काम को अमलीजामा पहनाया गया है।पात्र-अपात्र परिवारों का फिर से सत्यापन कराए जाने टीम गठित होने से संभावना खत्म नहीं हुई है।नगर पालिका अध्यक्ष ऋषिकुमार शर्मा ने बताया है कि नजूल अधिकारी द्वारा अपात्र लोगों का पुनः सत्यापन के बाद अप्रैल माह की नवरात्रि में पट्टा वितरण का काम होगा।ऋषिकुमार शर्मा ने बताया कि राजीव गांधी आवासीय योजना अंतर्गत शहरी क्षेत्र में सर्वे कार्य कराया गया।भूमिहीन परिवारों को पट्टा मिल जाने जाने से प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण में सुविधा होगी और इसका लाभ भी इन्हें मिल सकेगा।बताया जा रहा है कि अपात्र परिवारों की पात्रता निर्धारण के लिए गठित संयुक्त टीम द्वारा जांच कर कार्रवाई की जा रही है।

हमर छत्तीसगढ़ की “न्यायधानी”बिलासपुर शहर में उर्दू की मशहूर शायरा,साहित्यकार एवं छत्तीसगढ़ राज्य में उर्दू अकादमी की पूर्व अध्यक्ष(सदर) सुश्री उज़्मा अख़्तर फरमाती हैं,,,

इतने बड़े जहान में एक माँ को छोड़कर,,,अब कोई एतबार के काबिल नहीं रहा,,

 

 

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