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राजधानी रायपुर को न्यायधानी बिलासपुर से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग प्रदेश के सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण मार्गों में शामिल है। राज्य की वाणिज्यिक, औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों की रीढ़ माने जाने वाले इस हाइवे पर यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और निर्बाध आवागमन को ध्यान में रखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा लगातार सुधार और रखरखाव के कार्य किए जा रहे हैं।
एनएचएआई ने बीते वर्षों में भारी यातायात के बावजूद सड़क की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नियमित पैचवर्क, ड्रेनेज की सफाई और रोड मार्किंग जैसे कार्य कराए हैं। इसके साथ ही कंसल्टेंट जांच टीम के माध्यम से तकनीकी सर्वे कराकर आवश्यक सुधार किए जाते हैं। वर्ष 2024-25 में 2136 स्थानों पर पैनल रिप्लेसमेंट का कार्य पूरा किया गया, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 3616 स्थानों पर लगभग 1520 पैनल बदले जा चुके हैं। शेष कार्य प्रगति पर है। बेहतर रखरखाव के लिए ‘रिस्क एंड कॉस्ट’ शर्तों पर नया टेंडर भी जारी किया गया है।
हाइवे को मवेशीरहित बनाने की पहल
यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप हाइवे को मवेशीरहित बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत 20 चिन्हित स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं। साथ ही सोलर लाइटिंग, सोलर ब्लिंकर, ट्रांसवर्स बार मार्किंग और चेतावनी संकेतक बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट्स में विशेष कार्य
रायपुर–बिलासपुर नेशनल हाइवे पर 11 ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित किए गए हैं, जहां दुर्घटनाओं की आशंका अधिक रहती है। इन स्थानों पर अंडरपास और सर्विस लेन का निर्माण कर यातायात को सुरक्षित और सुगम बनाया जा रहा है।
रिकॉर्ड वृक्षारोपण से बढ़ी सुंदरता
हाइवे को ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से इस वर्ष अब तक 19,286 पौधे लगाए जा चुके हैं। मीडियन में तिकोमा, बोगनवेलिया और गुलमोहर, जबकि सड़क किनारे नीम, कचनार, अमलताश, पीपल और बरगद जैसे छायादार वृक्ष रोपे गए हैं।
टोल प्लाजा पर हेल्थ कैंप
एनएचएआई द्वारा टोल प्लाजा पर समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जा रहे हैं, जहां ड्राइवरों और यात्रियों को निःशुल्क नेत्र जांच, रक्तचाप जांच और सामान्य स्वास्थ्य परामर्श की सुविधा दी जाती है।
