New India News / Desk रायपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा है कि “सफाई नहीं तो भुगतान नहीं” — यानी जिन क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था संतोषजनक नहीं होगी, वहां के सफाई ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जाएगा।
महापौर चौबे ने सवाल उठाया कि “जब शहर में सफाई नहीं दिख रही, तो भुगतान की फाइल आगे कैसे बढ़ जाती है? यह गंभीर विषय है।” उन्होंने इस पर असंतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों से जवाब मांगा और चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में दिए सख्त निर्देश
महापौर मीनल चौबे ने नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर सफाई व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्ष श्रीमती गायत्री सुनील चंद्राकर, अपर आयुक्त श्री पंकज के. शर्मा, श्री विनोद पांडेय, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तृप्ति पाणीग्रही, तथा सभी जोन स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में महापौर ने वार्डवार समीक्षा करते हुए कहा कि सफाई व्यवस्था राजधानी के अनुरूप दिखनी चाहिए। उन्होंने सभी जोन अधिकारियों को सतत निरीक्षण और मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा।
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
महापौर ने कहा कि सफाई कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या हीला-हवाली पाए जाने पर संबंधित जोन स्वास्थ्य अधिकारी की जवाबदेही तय कर सीधी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में किसी भी सफाई ठेकेदार को भुगतान तभी होगा जब अपर आयुक्त वित्त द्वारा भौतिक सत्यापन कर यह सुनिश्चित किया जाए कि सफाई कार्य वास्तव में हुआ है।
राजधानी के अनुरूप सफाई पर जोर
महापौर चौबे ने कहा कि रायपुर की सफाई व्यवस्था राजधानी शहर के अनुरूप और जनअपेक्षित सुधारों के साथ दिखनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह जिम्मेदारी केवल ठेकेदारों की नहीं, बल्कि निगरानी करने वाले प्रत्येक अधिकारी की भी है।
महापौर का सख्त संदेश:
“रायपुर की सफाई में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार्य नहीं। ठेकेदार और अधिकारी दोनों अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाएं — अन्यथा सख्त कार्रवाई तय है।”
