New India News/ Desk 1500 साला जुलूस मोहम्मदी इस बार ऐतिहासिक साबित हुआ। शहर की सड़कों पर निकले इस भव्य जुलूस ने एकता, भाईचारे और अमन का संदेश दिया। जुलूस की सबसे खास बात यह रही कि इसमें हर धर्म और समुदाय के लोग शामिल हुए और तिरंगे के साथ स्वागत का नजारा लोगों के दिलों को छू गया।
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज तिरंगे के साथ
जुलूस में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज हाथों में तिरंगा लहराते हुए नजर आए। उनका यह अंदाज़ लोगों के बीच चर्चा का विषय बना। भाजपा के युवा नेता ज़ीशान सिद्दीक़ी भी रहे मौजूद
इस मौके पर भाजपा के युवा नेता ज़ीशान भी जुलूस में थे और संचालन की बागडोर उन्ही के हाथो में थी उन्होंने आम जनता का अभिवादन करते हुए कहा कि यह जुलूस केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि यह गंगा-जमुनी तहज़ीब और आपसी भाईचारे का संदेश भी देता है।
जगह-जगह फूल बरसाकर हुआ स्वागत
जुलूस जब शहर की मुख्य सड़कों और चौक-चौराहों से गुजरा तो लोगों ने जगह-जगह फूल बरसाकर स्वागत किया। हर मोहल्ले और कॉलोनी में स्थानीय नागरिकों ने जुलूस का इस्तकबाल किया। माहौल ‘स्वागत है, इस्तकबाल है’ के नारों से गूंज उठा।
कैबिनेट मंत्री और विधायक रहे उपस्थित
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री और कई विधायकगण भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मिलादुन्नबी हमें पैगंबर-ए-इस्लाम की सीख याद दिलाता है, जिसमें इंसानियत, मोहब्बत और अमन का पैगाम है। नेताओं ने इसे सामाजिक एकता और भाईचारे की मिसाल बताया।
अमन और मोहब्बत का पैगाम
जुलूस में युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सभी शामिल हुए। मस्जिदों और मदरसों से भी बड़ी संख्या में लोग इस जुलूस का हिस्सा बने। इस बार डीजे और शोरगुल की जगह नातिया कलाम और सलाम ने माहौल को रूहानी बना दिया।
समाज की ओर से किया गया स्वागत
सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं ने जगह-जगह पानी, शर्बत और फल वितरण की व्यवस्था की। पुलिस और प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा, जिससे पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से सम्पन्न हुआ।
भाईचारे का संदेश
जुलूस में शामिल लोगों का कहना था कि यह मिलादुन्नबी वास्तव में एकता और भाईचारे की नई मिसाल है। तिरंगे के साथ जुलूस में शामिल होना हर किसी के लिए गर्व की बात थी। रायपुर शहर ने इस अवसर पर पूरे देश को अमन और मोहब्बत का संदेश दिया।