संस्थान के ट्रस्टी और मिराज समूह के अध्यक्ष मदन पालीवाल ने कहा कि प्रतिमा के उद्घाटन के बाद 29 अक्टूबर से छह नवंबर तक नौ दिनों तक धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इस दौरान मुरारी बापू राम कथा का पाठ भी करेंगे. कार्यक्रम के प्रवक्ता जयप्रकाश माली ने कहा कि नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में हैं.
माली ने दावा किया, ‘‘विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की अपनी एक अलग ही विशेषता है. 369 फुट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है.”
उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं. प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है.” इस परियोजना की नींव अगस्त 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुरारी बापू की उपस्थिति में रखी गई थी. यह स्थान उदयपुर शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है.