Newindianews/Raipur छत्तीसगढ़ की 12 जाति समुदायों अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने का कांग्रेस ने स्वागत किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर राज्य की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आग्रह किया था। उसी पहल का नतीजा है कि इन जाति समूह के लोगो की पुरानी मांग पूरी हुई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 15 साल तक प्रदेश में भाजपा की सरकार थी कभी तत्कालीन सरकार ने इस दिशा में ठोस पहल नहीं किया था। पूर्व की रमन भाजपा सरकार की आदिवासी विरोधी चरित्र और नीति के चलते 12 समुदायो के भारिया, भूमिया, पांडो, धनवार, गदबा, गोड, कोंध, कोडाकू, नगेरिया, गोड़ के 5 उपजाति धूरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोड़ को उनका अधिकार नही मिला। जिसके कारण प्रदेश की यह जनजातिया तकनीकी आधार पर अनुसूचित जनजाति को मिलने वाले लाभ और सुविधाओं से वंचित थी यदि रमन सरकार जनभावनाओं के अनुरूप पहल ही केन्द्र सरकार को अपनी अनुशंसा भेजी होती जो इन जनजाति समूहो के लोगो को परेशान नहीं होना पड़ता।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह सहित छत्तीसगढ़ भाजपा के तत्कालीन सत्तारूढ़ जिम्मेदार नेताओं को इन जाति समूह के लोगो से अपनी अकर्मण्यता के लिये माफी मांगनी चाहिये जिनके लापरवाही और उदासिनता के कारण इन जाति समूह के लोगो को उनका संवैधानिक अधिकार मिलने में 18 साल लग गये।