Newindianews/Raipur राजधानी रायपुर के दूधाधारी मठ समिति द्वारा अंतरराज्यीय बस स्टैंड के सामने स्थित सार्वजनिक हित की जमीन पर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स निर्माण की तैयारी की जा रही है। हाई कोर्ट में इस पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई है। जिसपर चीफ जस्टिस एके गोस्वामी व जस्टिस आरसीएस सामंत की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य शासन और तीन प्रमुख विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, रावाभाठा सुरक्षा समिति के अध्यक्ष प्रभात मिश्रा ने वकील रजनी सोरेन के जरिए हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने जमीन के स्वरूप को उसी रूप में सुरक्षित रखने की मांग की है। याचिका में कहा है कि, बस टर्मिनल के सामने दूधाधारी मठ की स्वामित्व की तकरीबन 25 एकड़ जमीन है। मठ ने इस जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने की तैयारी शुरू कर दी है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि, दलदली जमीन की मिट्टी और मुरूम से फिलिंग की जा रही है। यहां कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने की तैयारी है। यहां निर्माण सामग्री भी डंप किया जा रहा है। इसकी सुनवाई चीफ जस्टिस एके गोस्वामी व जस्टिस आरसीएस सामंत की डिवीजन बेंच में हुई। इसमें डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है। राज्य शासन की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल मीना शास्त्री व याचिकाकर्ता की ओर से रजनी सोरेन ने पैरवी की।
इनको बनाया पक्षकार
याचिकाकर्ता ने मुख्य सचिव छग शासन, सचिव राजस्व, सचिव धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, सचिव वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को प्रमुख पक्षकार बनाया है। डिवीजन के निर्देश पर सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया है।