Newindianews/Raipur अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ के राष्ट्रीय महासचिव एवम ओ.बी.सी. संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि दिनांक 10 सितंबर 2022 दिन रविवार को देश के कोनें-कोनें मे धूमधाम से ओ.बी.सी. दिवस मनाने की तैयारी चल रही है इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, धमतरी, कुरूद, दुर्ग, बस्तर, कवर्धा, बलोदा बाजार, बालोद, बिलासपुर, बटरेल, धमना, कलंगपूर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में ओ.बी.सी. दिवस मनाया जायेगा | अधिवक्ता शत्रुहन सिंह ने आगे बताया कि आजादी के महज 25 दिन बाद 10 सितंबर 1947 को ही महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी त्यागमूर्ति आर. एल. चंदापुरी ने ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए आजादी की दूसरी संघर्ष की नींव रखी जिसके प्रथम शहीद चूल्हाई राम साहू जी की कुर्बानी को याद करते हुए 10 सितंबर को ओबीसी दिवस मनाया जाता हैं | उन्ही कार्यों को आगे बढ़ाते हुए ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ विगत वर्षों से लगातार मंडल कमीशन के सभी सिफारिशों को लागू करवाने हेतु OBC के अंतर्गत आने वाले सभी जातियों को एक झंडे के नीचे संगठित कर सभी सार्वजनिक व निजी क्षेत्रों में ओबीसी को आबादी के अनुसार समान हिस्सेदारी एवम ओबीसी सुरक्षा अधिकार अधिनियम दिलाने के लिए जन-जागरण अभियान के माध्यम से प्रशिक्षण शिविर लगाकर ओबीसी को शिक्षित व जागृत करने का काम कर रही हैं, अब तक 100 से अधिक प्रशिक्षण शिविर लगाया जा चुका है जिसका मकसद देश और प्रदेश में ऐसी स्थिति पैदा करनी है कि ओबीसी के सामाजिक, राजनैतिक व बौद्धिक संगठनो को एक मंच में लाकर जाति प्रथा की सीढ़ीनुमा कुव्यवस्था को खत्म कर मौजूदा व्यवस्था में परिवर्तन लाया जा सके तभी ओबीसी की समस्यायें दूर हो सकेगी और ओबीसी के सच्चे नेतृत्व का विकास होगा |
समिति के पूर्ण कालिक राष्ट्रीय प्रचारक ओबीसी टिकेश्वर ने बताया कि 10 सितंबर 2021 को छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला के ग्राम भखारा में ओबीसी दिवस का सफल आयोजन कर पूरे देश में ओबीसी एकता का संदेश दी गई कि कैसे राम लखन चंदापुरी और चूल्हाई राम के आदर्शों पर चलकर ओबीसी वर्ग के अंतर्गत आने वाले तमाम जातियों को मंडल कमीशन के नाम पर एक झंडे के नीचे संगठित कर उद्देश्य की प्राप्ति किया जा सकता है
प्रदेश अध्यक्ष हरीश सिन्हा ने कहा कि बहुसंख्यक ओबीसी समाज की समस्या ही देश की पुनर्निर्माण की समस्या है जिसकी समाधान के लिए मंडल कमीशन को पूर्णतः लागू करने सहित 14 सूत्रीय मांगपत्र दिनांक 26 जून 2022 को संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपकर मांग किया कि जिस प्रकार विशेषाधिकार का प्रयोग कर सामान्य वर्ग को आबादी के अनुसार 10% का आरक्षण दिया गया है ठीक उसी तरह संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) में संशोधन कर ओबीसी के लिए भी 27% आनुपातिक आरक्षण को बढ़ाकर आबादी के अनुसार 52% किया जाना चाहिए
कोषाध्यक्ष नोहर लाल, प्रदेश प्रवक्ता टिकेंद्र कुमार, केन्द्रीय कमेटी के नारायण लाल, समारू सिन्हा, शैलेंद्र कुमार, खिलावन पटेल, संजीव कुमार, शत्रुघन लाल, लुकेश कुमार, कृष्णाजैन ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1990 में व सुप्रीम कोर्ट के नौ जजों की पीठ ने 1992 में आंशिक रूप से 27% आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था जिसे लागू ना कर छत्तीसगढ़ के 52% आबादी वाले ओबीसी समाज को 27% की जगह केवल 14% दिया जा रहा है जो ना केवल गैरसंवैधानिक है बल्कि देश की प्रगति, एकता, संविधान व लोकतंत्र के लिए भी खतरा है क्योंकी ओबीसी में उपजे जनजागृति को सामंतवादी ताकतों के द्वारा क्रमिक ऊंच-नीच की भावना फैलाकर भारतीय समाज की एकता को छिन्न-भिन्न करने की पुरजोर कोशिश कर रही है जिस कारण ओबीसी वर्ग को राजनीतिक व मानसिक गुलामी से स्वतंत्र होकर अपने मौलिक व संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए ओ.बी.सी. संयोजन समिति के तत्वाधान में एक झंडे के नीचे संगठित हो आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ने की जरूरत है
पण्डित घनश्याम प्रसाद, राम लाल गुप्ता, विष्णु श्रीवास, इंजि. के. आर. कुल्हाड़ा, चोवाराम, प्रभुदयाल, भीखम लाल ने बताया कि देश को अखंड और सोने की चिड़िया बनाने के उद्देश्य से ओ.बी.सी. सँयोजनसमिति के द्वारा ओबीसी समाज को शिक्षित जागृत और संगठित करने के लिए चलाया जा रहा कैडर कैंप में तन, मन, धन, समय, श्रम व सभी साधनों से सहयोग देवें व ओबीसी दिवस समारोह को समय पर पधारकर सफल बनावें