नई दिल्ली। भारतीय आतंरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) 12 अगस्त सुबह 5:45 मिनट पर इतिहास रचने से चूक गया। 12 अगस्त को इसरो द्वारा अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (EOS-3) को लॉन्च करने की पूरी तैयारी हो चुकी थी। अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (EOS-3) को GSLV F10-MK2 द्वारा लॉन्च किया गया। किन्तु मिशन लॉन्च होने के 10 सेकेंड पहले खराब हो गया। मिशन कंट्रोल सेन्टर के रॉकेट में तीसरे स्तर पर लगे क्रायोजेनिक इंजन से 18.29 मिनट से सिंग्नल और आंकड़े देना बन्द कर दिया था।
इसरो 12 अगस्त सुबह पौने छ बजे इतिहास रचने से चूक गया। मिशन विफल होने की जानकारी इसरो के चीफ डायरेक्टर डाॅ.के सिवान को दी गयी। मिशन विफल होते ही लाइव टेलीकास्ट को रोक दिया गया। मिशन फेल होने पर वैज्ञानिकों के चेहरों पर तनाव की लहर दौड़ गई। इसके बाद क्रायोजेनिक इंजन में हुई कमी का पता चला। जिससे मिशन पूरी तरह सफल नहीं रहा।