New India News
देश-विदेशराजनीति

विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति के आगे नक्सलियों के कमर टूटी अब नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे है

Newindianews/Raipur बस्तर में 33 नक्सलियों के द्वारा आत्मसमर्पण किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेश संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश सरकार के द्वारा नक्सलवाद को खत्म करने चलाई जा रही विश्वास विकास और सुरक्षा के नीति स्पष्ट दबाव नक्सलियों के ऊपर दिख रहे हैं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य कराए जा रहे हैं शिक्षा का प्रकाश फैलाया जा रहा है रोजगार दिया जा रहा है उनके कानूनी अधिकार दिए जा रहे हैं और सुरक्षा दी जा रही है जिसके चलते आज नक्सलियों की कमर टूटी है सुरक्षा में लगे जवानों नक्सलियों के गोली का जवाब गोली से दे रहे हैं नक्सलियों को पीछे खदेड़ हैं और सरकार की नीतियों का स्पष्ट दबाव नक्सलियों पर दिख रहे हैं नक्सली अब हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें और समाज के मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं बीते 4 साल में प्रदेश में नक्सलवादी गतिविधियों में 80 प्रतिशत की कमी हुई है नक्सलियों के बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हुई है एनकाउंटर हुआ है अब नक्सली छत्तीसगढ़ छोड़कर भाग रहे।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वर्ष 2008 से लेकर 2018 तक के आंकड़ों को यदि देखा जाए तो इस दौरान राज्य में नक्सली हर साल 500 से लेकर 600 हिंसक घटनाओं को अंजाम देते थे, जो कि बीते साढ़े तीन वर्षों में घटकर औसतन रूप से 250 तक रह गई है। वर्ष 2022 में अब तक मात्र 134 नक्सल घटनाएं हुई हैं, जो कि 2018 से पूर्व घटित घटनाओं से लगभग चार गुना कम हैं। राज्य में 2018 से पूर्व नक्सली मुठभेड़ के मामले प्रतिवर्ष 200 के करीब हुआ करते थे, जो अब घटकर दहाई के आंकड़े तक सिमट गए हैं। वर्ष 2021 में राज्य में मुठभेड़ के मात्र 81 और वर्ष 2022 में अब तक 41 मामले हुए हैं। नक्सलियों के आत्मसमर्पण के मामलों में भी तेजी आई बीते साढ़े तीन वर्षों में 1589 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह आंकड़ा 10 वर्षों में समर्पित कुल नक्सलियों की संख्या के एक तिहाई से अधिक है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि वहीं, बस्तर संभाग के 589 गांवों के पौने छह लाख ग्रामीण नक्सलियों के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 121 गांव सुकमा जिले के हैं। दंतेवाड़ा जिले के 118 गांव, बीजापुर जिले के 115 गांव, बस्तर के 63 गांव, कांकेर के 92 गांव, नारायणपुर के 48 गांव और कोंडागांव के 32 गांव नक्सल प्रभाव से मुक्त हुए हैं। दंतेवाड़ा पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे नक्सलियों के खिलाफ लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, पिछले डेढ़ सालों में अब तक 500 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इनमें 137 नक्सलियों पर ईनाम घोषित है।

Related posts

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

newindianews

23 जून को सोनिया गांधी से पूछताछ करने पहले से ही ईडी ने समय तय कर रखा है

newindianews

राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव शादी के बंधन में बंधे देखें PHOTOS

newindianews

Leave a Comment