New India News छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज विधानसभा परिसर में नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत रायपुर भ्रमण पर आए सुकमा जिले के सुदूर अंचल के 100 स्कूली बच्चों से आत्मीय मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें राजधानी रायपुर में गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “बस्तर के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। हम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसी सभी मूलभूत सुविधाओं को बस्तर के कोने-कोने तक पहुँचाने हेतु प्रतिबद्ध हैं।”
शैक्षणिक भ्रमण के अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों से पूछा कि “बस्तर के शेर बच्चों ने रायपुर के जंगल सफारी में शेर देखा या नहीं?” इस हल्के-फुल्के संवाद पर बच्चों और उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों में ठहाकों की गूंज छा गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित हो रहे हैं, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास के द्वार खुल रहे हैं। शासन की योजनाएँ ज़मीन तक पहुँच रही हैं—चाहे वह शासकीय राशन दुकानें हों या जनकल्याणकारी योजनाएँ। उन्होंने विश्वास जताया कि “बहुत जल्द बस्तर पूरी तरह से नक्सलमुक्त होगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार बस्तर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। दुग्ध उत्पादन, स्थानीय रोजगार और स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायकगण श्री ईश्वर साहू एवं श्री सुशांत शुक्ला भी उपस्थित रहे।
नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत सुकमा की पाँच सुदूर ग्राम पंचायतों — पालाचलमा, पोटकपल्ली, एलमागुंडा, ताड़मेटला और गोलापल्ली — से आए विद्यार्थियों को दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण के दौरान मंत्रालय, जंगल सफारी, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट जैसे स्थानों का भ्रमण कराया गया।
यह योजना बस्तर के नक्सल प्रभावित पाँच जिलों के बच्चों को राज्य की राजधानी की कार्यप्रणाली और शहरी संरचना से परिचित कराने का महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है।