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गुरुघंटाल के कारनामें ! प्रमुख सचिव तक पहुंचा कुलपति प्रो. बलदेव शर्मा की शिकायत, 5 साल में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार

Newindaienws/CG प्रदेश के एकमात्र पत्रकारिता यूनिवर्सिटी कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। पिछले दिनों प्रदेश के एक मीडिया चैनल ने पत्रकारिता यूनिवर्सिटी के 7 करोड़ के ऑडिटोरियम घोटाले की खबर प्रकाशित की थी। अब करीब 22 करोड़ के घोटाले की शिकायत प्रमुख सचिव से की गई है। दरअसल पिछले 5 वर्षों में कई करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप कुलपति और एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर लग रहे हैं। जिसकी शिकायत अब शासन और सरकार स्तर पर की गई है। जिसमें राज्य सरकार के फंड, छात्रों के शुल्क और रुसा फंड में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं।

बता दें 4 मार्च को वर्तमान कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा का कार्यकाल पूर्ण होने जा रहा है। उससे पहले उनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार अब सामने आने लगे हैं।

पढ़िए शिकायत की कॉपी

प्रति,
प्रमुख सचिव
उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन, मंत्रालय
नया रायपुर, अटल नगर
रायपुर।

विषय – केटीयु के कुलपति श्री बल्देव भाई शर्मा के नेतृत्व एवं पूर्व कुलसचिव डॉ आनंद शंकर बहादुर की सांठ-गांठ में श्री नरेन्द्र त्रिपाठी, असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा अवैधानिक रूप से कुलसचिव के पद के प्रभार के दौरान लाखों रुपयों की वित्तीय गड़बड़ियां, हेराफेरी, अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार की शिकायत।

महोदय,

उपरोक्त विषयानुसार आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के एकमात्र असिस्टेंट प्रोफेसर श्री नरेन्द्र त्रिपाठी ( गैर-राजपत्रित ) को कुलपति द्वारा बिना शासन की अनुमति के कुलसचिव के अवकाश में रहने के दौरान कुलसचिव का प्रभार देकर लाखों रुपयों की वित्तीय गड़बड़ियां, हेराफेरी, अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जबकि विश्वविद्यालय में डिप्टी रजिस्ट्रार एवं फायनेंस आफिसर जैसे राजपत्रित अधिकारियों की उपस्थिति के बावजूद गैर राजपत्रित असिस्टेंट प्रोफेसर श्री नरेन्द्र त्रिपाठी को अनेक बार कुलसचिव का प्रभार देकर लाखों रुपयों के नियम-विरुद्ध कुछ खास तरह के बिलों का भुगतान किया जा रहा है। इनमें ज्यादातर लाखों रुपयों के ऐसे बिल सम्मिलित हैं जो स्वयं श्री नरेन्द्र त्रिपाठी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं मैनेजमेंट विभाग द्वारा प्रस्तावित हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कुलसचिव के पद पर नियुक्त राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री सुनील कुमार शर्मा के दिनांक 10 /02/2025 से 24/02/2025 तक अवकाश में रहने के दौरान कुलपति द्वारा श्री नरेन्द्र त्रिपाठी को अवैधानिक रूप से कुलसचिव का पुनः प्रभार देकर लाखों रुपयों के बिलों का नियम विरुद्ध भुगतान किया गया है वहीं बैक डोर से नियुक्त एक शिक्षक को लगभग दो करोड़ रुपए के अवैध भुगतान कराने के लिए सेवानिवृत्त अधिकारियों की एक कमेटी का गठन कर लिया गया है जिसकी बैठक दिनांक 25/02/2025 को होने जा रही है जबकि कुलपति श्री बल्देव भाई शर्मा का पांच वर्षीय कार्यकाल एक सप्ताह बाद दिनांक 4/03/2025 को समाप्त हो रहा है। वित्तीय मामलों में भारत सरकार के शिक्षा संस्थानों को निर्देश हैं कि कुलपति अपने कार्यकाल समाप्त होने के दो माह पूर्व से कोई भी नीति गत निर्णय एवं वित्तीय प्रभाव डालने वाले फैसले नहीं ले सकते हैं। यह आश्चर्य की बात है कि कुलपति श्री बल्देव भाई शर्मा शासन के नियमों को ताक में रखकर काम कर रहे हैं साथ ही विश्वविद्यालय में नियुक्त राजपत्रित अधिकारियों को एक गैर राजपत्रित असिस्टेंट प्रोफेसर श्री नरेन्द्र त्रिपाठी के अधिनस्थ रखकर उसके गैर कानूनी आदेशों का पालन कराया जा रहा है। रुसा में श्री नरेन्द्र त्रिपाठी को नोडल अधिकारी बनाकर करोड़ों रुपए की क्षति शासन को पहुंचाई गई है। रूसा की करोड़ों रुपयों की राशि से विश्वविद्यालय में घटिया निर्माण कार्य कराया गया है वहीं गैर जरूरी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद कर कुलपति श्री बल्देव भाई शर्मा एवं पूर्व कुलसचिव डॉ आनंद शंकर बहादुर एवं अन्यों की सांठ-गांठ से घोटाला किया गया है। विश्वविद्यालय में रूसा के करोड़ों रुपए के अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार असिस्टेंट प्रोफेसर श्री नरेन्द्र त्रिपाठी को कुलसचिव का अवैध प्रभार देकर ऐसे घोटालों को दबाने और रूसा की जांच कार्रवाइयों को प्रभावित करने का भी प्रयास किया जा रहा है। अतः आपसे अनुरोध है कि मेरी उपरोक्त शिकायत का त्वरित संज्ञान लेते हुए संस्था एवं शासन हित में श्री नरेन्द्र त्रिपाठी के कुलसचिव पद के प्रभार की अनियमितताओं एवं इनके द्वारा अध्यापन कार्य छोड़कर कुलसचिव पद के प्रभार में रहने के दौरान समस्त प्रकार के वित्तीय गड़बड़ियों तथा रूसा में करोड़ों रुपयों के भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच स्थापित करने का कष्ट करें। श्री नरेन्द्र त्रिपाठी, कुलपति श्री बल्देव भाई शर्मा और पूर्व कुलसचिव डॉ आनंद शंकर बहादुर एवं अन्यों द्वारा लाखों करोड़ों की वित्तीय गड़बड़ियां, हेराफेरी, अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार की जांच के दौरान साक्ष्य देने के लिए बुलाए जाने पर मैं उपस्थित रहूंगा।

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