Newindainews/Delhi राहुल गांधी ने 2004 में भारतीय राजनीति में कदम रखा और अपना पहला चुनाव अमेठी से लड़ा. यह वही सीट थी, जिसका प्रतिनिधित्व उनकी मां सोनिया गांधी (1999-2004) और उनके दिवंगत पिता राजीव गांधी ने 1981-91 के बीच किया था.
मिलीजानकारी के अनुसार राहुल गांधी ने शुक्रवार को रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. काफी सस्पेंस के बाद कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष को वायनाड के बाद बहुचर्चित अमेठी की जगह रायबरेली से उतारा. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के परचा दाखिल करने के समय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं. उन्होंने इसके बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसमें रायबरेली से नामांकन को राहुल गांधी ने एक भावुक पल बताया.
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था. मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है. अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे ख़ुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे. अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं. मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं.”
रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था!
मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है।
अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे ख़ुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी… pic.twitter.com/g4E94zuOVf
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 3, 2024
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पिछली बार की तरह इस बार भी दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. राहुल गांधी 2004 से लगातार तीन बार अमेठी निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य चुने गए थे. वो 2019 में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से चुनाव हार गए थे. वो अभी केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस बार भी राहुल वायनाड से चुनाव मैदान में हैं. अब कांग्रेस ने उन्हें रायबरेली लोकसभा सीट से भी चुनाव मैदान में उतार दिया है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक पोस्ट में बहुप्रतीक्षित फैसले पर कहा, “वो राजनीति और शतरंज के अनुभवी खिलाड़ी हैं. पार्टी नेतृत्व काफी विचार-विमर्श के बाद और एक व्यापक रणनीति के तहत अपने फैसले लेता है. इस एक फैसले ने भाजपा, उसके समर्थकों और उसके चाटुकारों को भ्रमित कर दिया है.”
