औद्योगिक परिदृश्य बेहतर बनाने छत्तीसगढ़ में रेल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना,,,,,,,
हमर छत्तीसगढ़ में दुर्ग ज़िले में भिलाई के औद्योगिक क्षेत्र स्थित हथखोज में नवनिर्मित रेल इंडस्ट्रियल पार्क तथा भारी एवं हल्का औद्योगिक क्षेत्र में निर्मित अधोसंरचनाओं का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पहले जब औद्योगिक क्षेत्र बनाते थे तब मूलभूत समस्याओं का अभाव होता था और इसके, लिए काफी कोशिश करनी होती थी।आज रेल पार्क की अधोसंरचना देखकर कहा जा सकता है कि यहाँ सारी सुविधाएं मौजूद हैं और जल्द ही सारी इकाइयां यहां लग जावेंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न उद्योगों के माध्यम से राज्य में 19 हज़ार 550 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।जिसके माध्यम से 33 हज़ार लोगों को रोज़गार मिला हुआ है।उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है,इसलिए हमने पहले यहां खाद्य एवं प्रस्कंरण के क्षेत्र में 478 यूनिटों को लगाकर इनके माध्यम से 1167 करोड़ का निवेश किया गया है।जिससे 6 हज़ार लोगों को रोज़गार मिला हुआ है।श्री बघेल ने यह भी कहा कि रेल इंडस्ट्रियल पार्क लगने के पश्चात यहां पर औद्योगिक गतिविधियों का तेजी से विकास होगा।उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ ने कहा कि रेल इंडस्ट्रियल पार्क में 22 भूखंड हैं,जिसमें अधोसंरचना की पूरी तैयारी कर ली गई है।उन्होंने बताया कि राज्य में उद्योग विभाग द्वारा फूड पार्कों की स्थपना के लिए कार्य किया जा रहा है।गौरतलब है कि रेल पार्क में 8 करोड़ 40 लाख की लागत से सीसी रोड,ओव्हर हैड टैंक,पाइप लाइन,स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था सुचारू रूप से की गई है।रेल पार्क में एक ही जगह अधोसंरचना होने से उद्यमियों को तो लाभ होगा ही,वहीं रेलवे को रेल पार्क होने सेआसानी होगी।इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार प्रदीप शर्मा,भिलाई-चरोदा के महापौर निर्मल कोसरे,सभाति कृष्णा चंद्राकर,कमिश्नर महादेव कावरे,आईजी बद्रीनारायन मीणा,कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे,सीएसआईडीसी के एमडी अरुण प्रसाद सहित अधिकारी व गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहे।समारोह में आभार ज्ञापन उद्योग विभाग के महाप्रबंधक सिमोन एक्का ने किया।
छ्त्तीसगढ़ के 9 नॉनिहालों ने हिमालय के ऊंचे शिखर पर लहराया तिरंगा और गाया अरपा पैरी के धार,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ के 9 होनहारों ने हिमालय की ऊंची पर्वत श्रृंखला पर तिरंगा लहराने व हमारे राजकीय गीत अरपा के पैरी धार गाने का कीर्तिमान स्थापित किया है।खास बात यह कही जा सकती है,कि इन 9 होनहारों ने अपनी अलग-अलग दिव्यांगता,आयु,जेंडर के साथ 10 दिनों की कठिन ट्रेकिंग कर पर्वतारोहण का नया कीर्तिमान करने का दुःसाहस दिखाया है।राज्य के ब्लेंड रनर हाफ ह्यूमन रोबो के नाम से पहचाने जाने चित्रसेन साहू सहित 9 प्रतिभागियों ने बेस ट्रेक कैंप से एवरेस्ट में नेपाल की 5364 मीटर की ऊंचाई पर एक साथ जीत दर्ज़ की।यहां मालूम रहे कि ये मिशन छत्तीसगढ़ राज्य के समाज कल्याण विभाग के सहयोग से पूरा किया गया है।जिसमें बालोद के कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने विशेष सहयोग किया।इन सभी पर्वतारोही प्रतिभागियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिशन के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया है।इस मिशन में सभी 9 पर्वतारोही प्रतिभागियों में शामिल 1-चित्रसेन साहू के दोनों पैर कृत्रिम हैं।जिन्होंने अपनी दिव्यांगता से बिना हार माने चढ़ाई की है।2-चंचल सोनी एक व्हील चेयर बास्केट बॉल खिलाड़ी व वन लेग डांसर हैं।3-रजनी जोशी ये पैरा जुडो खिलाड़ी हैं कम दृष्टि की दिव्यागता के बावजूद चढ़ाई की है।4-अनवर अली ये ब्लेड रनर हैं,जो दुर्घटना में एक पैर खो चुके हैं।जिन्होंने बेस कैंप में नमाज भी अदा की और इन्होंने 60 दफे से अधिक रक्तदान भी किया है।5-निक्की बजाज ये हेयर स्टाइलिस्ट व मेकअप आर्टिस्ट हैं।ये छत्तीसगढ़ की पहली ट्रांसजेंडर पर्वतारोही हैं।6-गुँजन सिन्हा(सनी)ये डिजिटल मार्केटर व फ़िल्म मेकर हैं।यहां भी इन्होंने डाक्यूमेंट्री भी शूट की है,जो जल्द ही रिलीज़ होगी।7-पेमेंद्र चंद्राकर ये ट्रैकर और फोटोग्राफर है।8-राघवेंद्र चंद्राकर(आशु)ये एक व्यवसायी व ट्रैवलर है।तथा 9-आशुतोष पांडेय ये शासकीय सेवक एवं साइक्लिंग करते है।इन सभी ने बड़ी कामयाबी से पर्वतारोहण मिशन को बखूबी पूरा किया है।
कोरबा के जंगलों में किंग कोबरा हाउस विकसित होगा,,,,,,,,,
हमर छत्तीसगढ़ में कोरबा ज़िले के लेमरू व परसखेत के वन क्षेत्रों में वन विभाग द्वारा सर्वे कराने कर बाद किंग कोबरा के मिलने की पुष्टि हुई है।गौरतलब है कि बीते वर्ष 2014 में कोरबा ज़िले के केराकछार वन क्षेत्र में पहले किंग कोबरा देखा गया था।इसके बाद अभी परसखेत व बताती गांवों के बीच रहने वाले एक ग्रामीण के घर 18 फुट लम्बा किंग कोबरा मिला।अब इस क्षेत्र में किंग कोबरा की सर्वाधिक संख्या को देखते हुए कोबरा हाउस रहवास क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।वन विभाग किंग कोबरा के मिलने के संकेतों को गम्भीरता से ले रहे हैं और एनजीओ नोवा नेचर से सर्वे कराया गया,तब इस वन परिक्षेत्र में ही 250 से अधिक किंग कोबरा मिले।जिसके बाद वन विभाग ने किंग कोबरा के संरक्षण व संवर्धन के लिए एक वृहत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर शासन को भी भेजा गया है।कोरबा में वन मण्डलाधिकारी प्रियंका पांडेय ने बताया कि इस वन परिक्षेत्र को विशेष क्षेत्र घोषित करने सहित नए निर्माण व अधिग्रहण करने को प्रतिबंधित करने का आग्रह शासन से किया गया है।गौरतलब है कि किंग कोबरा एक ऐसी प्रजाति का सर्प है,जिससे अन्य सर्पों की प्रजातियां भी नियंत्रत होती हैं।इसलिए खाद्य श्रृंखला में किंग कोबरा की उपस्थिति बेहद ज़रूरी मानी जाती है।जल्द ही कोरबा वन क्षेत्र में रहवास विकसित करने महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।इससे कोरबा की जैव विविधता और समृद्ध होगी।यहां बताया जा रहा है कि लेमरू व परसखेत गांवों में किंग कोबरा के अनुकूल पौधे व पानीदार क्षेत्र है।इसलिए यह खेत्र किंग कोबरा के लिए उपयुक्त माना गया है।यहां के ग्रामीण किंग कोबरा को “परचिति”के नाम से जानते हैं।इसके बावजूद वन विभाग यहां के ग्रामीणों को किंग कोबरा से बचकर रहने जागरूक भी कर रही है।किंग कोबरा को तस्करों की नज़र से बचाने के वास्ते वन सुरक्षा समितियों का गठन करके इसमें ग्रामीणों को सदस्य बनाकर शामिल किया गया है।दुनियां में सबसे खतरनाक सर्पों में किंग कोबरा का नाम आता है।इसके एक मिलीग्राम ज़हर से आदमी की जान जा सकती है।इसलिए गांवों में मितानिनों को एंटी स्नैक वेनम उपलब्ध कराया जा रहा है।यह अंडे देने के लिए पट्टीदार घोंसला बनाती है और एक बार में 20 से 35 अंडे तक देती है।किंग कोबरा अन्य ज़हरीले सांपों को भी निगल जाते हैं।यह भी बताते हैं कि किंग कोबरा कई बार खुद तय करता है कि उसे कितना ज़हर
फेंकना है और कई बार बिना इसके भी डस लेता है।
छत्तीसगढ़ के वनोत्पाद लुभा रहे दिल्ली के आहार- एक्सपो में,,,,,,,
हमर छत्तीसगढ़ की योजनाएं ही नहीं, यहां के वनोत्पाद भी सिर्फ आम लोगों को ही नहीं,खास व सेलीब्रेटी लोगों को भी आकर्षित कर रहे हैं।बात कर रहे हैं हम नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित हुए आहार-एक्सपो में,जहां छत्तीसगढ़ के वनोत्पाद मशहूर बॉक्सर विजेंदर सिंह भी छत्तीसगढ़ के स्टाल तक खींचे चले आए।छत्तीसगढ़ के स्टाल में बॉक्सर विजेंदर सिंह ने स्टाल में आदिवासी महिलाओं द्वारा निर्मित हर्बल व प्राकृतिक वनोत्पादों की शुद्धता व नैसर्गिकता की तारीफ करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की बात भी कही।एक्सपो में छत्तीसगढ़ के वनांचलों के उत्पादों की शुद्धता व नैसर्गिकता को काफी पसंद किया गया है।
मशहूर उदघोषक व रंगकर्म निदेशक मिर्ज़ा मसूद को आर्थिक मदद,,,,,,
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मखमली आवाज़ के धनी मशहूर अनाउंसर व रंगमंच के डायरेक्टर रहे मिर्ज़ा मसूद आज काफ़ी दिनों से स्वस्थ्य व आर्थिक मश्क़िलों से घिरे हुए हैं,जिन्हेँ मुख्यमंत्री सहायता कोष से 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई है।इससे पहले राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को मिर्ज़ा मसूद के हालातों की जानकारी मिली थी,तब उन्होंने मुख्यमंत्री सहायता कोष से 2लाख रुपए की मदद देने का निर्णय लेते हुए रायपुर कलेक्टर को निर्देशित किया।रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता कोष से मदद भिजवाया।तहसीलदार ने मिर्ज़ा मसूद के नूरानी चौक स्थित आवास पर जाकर उन्हें 2 लाख का चेक सौंपा।मुख्यमंत्री सहायता कोष से मिर्ज़ा मसूद की मदद करने की राजधानी के रंगकर्मियों ने सराहना करते हुए मुख्यमंत्री व मुख्यसचिव के प्रति आभार ज़ाहिर किया है।
मुख्यमंत्री मितान योजना से आम जनता को 13 प्रकार की सेवाओं का लाभ मिलेगा,,,,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में भूपेश सरकार की “मुख्यमंत्री मितान योजना” से आम जनता को 13 प्रकार की विभिन्न सेवाओं का लाभ एक फोन कॉल से मिलेगा और लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जावेगा।गौरतलब है कि सामान्य प्रक्रिया करने के साथ लोगों को कई ज़रूरी प्रमाणपत्र अब बड़ी आसानी से मिल सकेंगे।भूपेश बघेल की सरकार ने श्रम दिवस के दिन इस योजना की शुरुआत करते हुए इसे “मुख्यमंत्री मितान योजना” का नाम दिया गया है।इस योजना को काफी महत्वाकांक्षी माना जा रहा है,जिससे कई ज़रूरी काम बड़ी आसानी से हो सकते हैं और लोगो को 13 विभिन्न प्रकार की सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।मितान योजना से जन्म,मृत्यु,विवाह से लेकर अन्य प्रमाणपत्रों की सुविधा मिल सकेगी।मितान योजना का लाभ लेने के लिए लोगोँ को टोल फ्री नम्बर 14545 पर कॉल करना होगा, वहां से मिले निर्देश के मुताबिक कई दस्तावेज़ तैयार रखने होंगे।कुछ घण्टे के बाद कर्मी कॉलर से दस्तावेज़ अपलोड करने कहेगा। इसके बाद 24 से 48 घण्टे के भीतर अपेक्षित सेवा का लाभ मिल सकेगा।जब प्रमाणपत्र बन जावेगा,तब हितग्राही के घर पंहुचा दिया जावेगा और इसके लिए 50 रुपए शुल्क लिया जावेगा।अभी 14 नगर निगमों तक इस सेवा को जोड़ा गया है,जबकि अन्य सभी नगरीय निकायों को भी जोड़ा जा सकेगा।
बिलासपुर की चर्चित शायरा डॉ शाज़िया अली,जो बिलासा गर्ल्स कॉलेज में उर्दू भाषा की लेक्चरर भी हैं,वे फरमाती हैं,,,
“शहर में मजदूर जैसा दर-ब-दर कोई नहीं”,,,,
“जिस ने सब के घर बनाए उसका घर कोई नहीं”,,,,