उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने”उन्नति विधान”में छत्तीसगढ़ मॉडल का पुरजोर ज़िक्र किया,,,,,
‘ हमर छत्तीसगढ़’ की गोधन न्याय योजना को लागू कर आवारा पशुओं को उपयोगी बनाकर गोबर खरीदी से खाद बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा देने ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ का ज़िक्र कर कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र “उन्नति विधान”में किया है। उत्तरप्रदेश में इस योजना को लागू करने की बात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किया है।उत्तरप्रदेश में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैंऔर पहले चरण का मतदान भी हो गया है।इसका सीधा अर्थ है कि उत्तरप्रदेश के चुनाव में छत्तीसगढ की योजना का बोलबाला बढ़ गया है।कांग्रेस के घोषणा-पत्र में गोधन न्याय योजना का ज़िक्र होने पर छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश में छत्तीसगढ़ की तर्ज, पर गोधन न्याय योजना लागू क्ररने की घोषणा का संकल्प लिया है।प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना लागू की जाएगी और इस योजना के तहत गाय के गोबर को 2 रुपए की दर से खरीदा जाएगा।प्रियंका गांधी ने यह भी बताया कि इस योजना से किसानों को प्रेरणा मिलेगी और किसान महंगे रासायनिक खाद के इस्तेमाल से बच जाएंगे और जैविक खेती करने अग्रसर होंगे।इसके साथ ही आवारा पशुओं को गौशाला में रखा जावेगा और एक निश्चित अवधि तक उनके पालन व रखरखाव के वास्ते प्रति पशु 500 रुपए की राशि का भुगतान भी किया जाएगा।इस योजना से फायदों के ज़िक्र करते आगे प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि प्रत्येक न्याय पंचायत में एक गौशाला होगी,जहां आवारा पशुओं को रखा जाएगा और अनुरोध किए जाने पर पशु की वापसी भी उसके मालिक को कर दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ में घर बैठे आमजनों की शिकायतों के निराकरण की व्यवस्था होगी पहली मार्च से ऑनलाइन,,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में 01मार्च 2022 से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप सर्वथा एक नई व्यवस्था लागू होने जा रही है।इस नई व्यवस्था में आमजन घर बैठे अपनी विभिन्न समस्याओं या शिकायतों के निराकरण के लिए पहली मार्च 2022 से ऑनलाइन व्यवस्था लागू की जा रही है।मुख्यमंत्री ने उक्ताशय के निर्देश मुख्यसचिव को दे दिए हैं।मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप सामान्यजनों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं जैसे राजस्व,पुलिस,विद्युत,स्वास्थ् य,नगरीय निकाय से सम्बंधित शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज़ करा सकेंगे।मुख्यमंत्री सचिवालय और मुख्य सचिव स्तर की सभी जन शिकायतों के समय सीमा में निराकरण की मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन व्यवस्था होगी।बताया जा रहा है कि आमजन के लिए यह सुविधा होगी कि राज्य के किसी भी क्षेत्र में घर बैठे अपनी समस्या ऑनलाइन दर्ज़ करा सकेंगे तथा इसके साथ ही उन्हें घर बैठे ही समस्या के निराकरण के लिए की गई कार्यवाही की ऑनलाइन जानकारी भी मिलेगी।
छत्तीसगढ़ में देश के लिए भरपूर कोयला है, कमी नहीं होगी,,,,,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में प्रकृति ने अथाह खनिज संसाधनों का भंडार दिया है,जिसमें काले हीरे(कोयला) का प्रचुर खज़ाना यहां भरा पड़ा है।छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी कोयला कम्पनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कम्पनी एसईसीएल के नवपदस्थ अध्यक्ष व सह-प्रबंध निदेशक प्रेमसागर मिश्रा का कहना है कि देश के लिए एसईसीएल के पास पर्याप्त मात्रा में कोयला है तथा बड़ी कम्पनियों के साथ ही छोटे उद्योगों को भी मांग के अनुरूप कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।कम्पनी के मुख्यालय में बीते दिनों पदभार सम्हालने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रेमसागर मिश्रा ने कहा कि ताज़ा स्थिति में कोयला का उत्पादन प्रचुरता से हो रहा है और सभी छोटे उद्योगों को उनकी मांग के अनुरूप कोयला उपलब्ध कराया जाएगा।उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोरबा क्षेत्र के विस्थापितों के साथ संवाद स्थापित कर रोडमैप तैयार करेंगे।मामलों की जांच,छानबीन व अवलोकन कर विचार किया जाएगा।श्री मिश्रा ने कहा कि कम्पनी को जो भी लक्ष्य दिया जाएगा,उस लक्ष्य को हर-सम्भव पूरा किया जाएगा।अध्यक्ष व सह-प्रबंध निदेशक ने पत्रकारों को आश्वस्त किया कि कम्पनी के लिए हम संवेदनशील व संवादशील बने रहेंगे।उन्होंने आगे कहा कि कार्य-मार्ग में जो भी मुश्किलें आएंगी,उसका समाधान सभी से मिलकर निकाला जाएगा।श्री मिश्रा ने कहा कि विभाग में जहां भी समस्या होगी,उस क्षेत्र में जाकर समस्या को हल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कोयला उत्पादन करने का हर-संभव प्रयास किया जाएगा।इसके लिए सभी अधिकारी,नियमित कर्मचारी व आउटसोर्सिंग कम्पनियों के साथ आपसी सामंजस्य व एकजुटता बनाते हुए कार्य पूरा किया जाएगा।इस अवसर पर तकनीक निदेशक मनोजकुमार,एस के पॉल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भ मौजूद थे।पत्रकार-वार्ता से पहले श्री मिश्र ने विभागाध्यक्षों व क्षेत्रीय महाप्रबंधकों के साथ बैठक लेकर सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा भी की ओर श्रमिक संघों के प्रतिनिधियों,एसोसिएशन के प्रतिनिधियों,संचालन समितियों,सुरक्षा समितियों व कल्याण मंडल से भी मिलकर बातचीत की।
छत्तीसगढ़ के किसानों को कॉफी की खेती से बड़ी कमाई, विदेशों में भी बढ़ी पहचान,,,,,,,
‘हमर छत्तीसगढ़’ में बस्तर के किसानों द्वारा बस्तर में कॉफी की खेती भूमिहीन ग्रामीण किसान न्याय योजना व राजीव युवा मितान क्लब के तहत बेजोड़ काम कर छत्तीसगढ़ के नाम को नई बुलंदियां दी है।बस्तर के किसानों ने तकरीबन 3 हज़ार एकड़ में कॉफी की खेती कर लाखों रुपए कमाने के साथ विदेशों में अपनी पहचान भी बढ़ाई है।बीते दिनों कॉंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व कॉंग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने दौरे के समय साइंस कॉलेज मैदान में लगी प्रदर्शनी में बस्तर स्टॉल पर जाकर बस्तरिया कॉफ़ी का स्वाद लिया था,इस दौरान राहुल गांधी ने कॉफी की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सुझाव दिया था कि अंतरराष्ट्रीय कॉफी ब्रांड्स के साथ बस्तरिया कॉफ़ी का एमओयू किया जाना चाहिए।राहुल गांधी ने बस्तर में कॉफी उत्पाद न के नवाचार की सराहना भी की थी।भूपेश-सरकार की ओर से बताया गया कि बस्तर के दरभा ब्लॉक के दरभा,ककालगुर व डिलमिली गांवों के किसान हज़ारों एकड़
में कॉफी की खेती में जुटे हैं,उससे बस्तर के वनवासी किसानों को कॉफी की खेती से लाखों की कमाई होने लगी है।यह भी बताया जा रहा है कि कॉफी की खेती से प्रति वर्ष एक एकड़ में 30 से 40 हज़ार रुपए की आय होती है।कॉफी की खेती के लिए बस्तर में जलवायु की अनुकूलता को देखते हुए किसान तकरीबन 3 हज़ार एकड़ में कॉफी की खेती कर रहें हैं।यह भी बताया जा रहा है कि बस्तरिया कॉफी का अभी फिलहाल 8 देशों में निर्यात हो रहा है।वैसे सरकार ने बस्तरिया कॉफी के लिए 60 वर्षों की कार्य-योजना तैयार कर उसपर आगे भ बढ़ा जा रहा है।
नार्को टेस्ट की सुविधा जल्द शुरू होगी छत्तीसगढ़ में,,,,,,
छत्तीसगढ़ में गम्भीर आपराधिक तथा अनसुलझे आपराधिक मामलों में “नार्को टेस्ट” के लिए अब अहमदाबाद जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए नार्को टेस्ट की व्यवस्था छत्तीसगढ़ में ही हो जाएगी। छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने बीते दिनों अपने विभाग की समीक्षा बैठक में अफसरों से राज्य में नार्को टेस्ट सेंटर स्थापित करने की कार्य-योजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं।समीक्षा बैठक में गृह मंत्री ने विभागीय अफसरों के साथ आदिवासियों की रिहाई,चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई,राजनीतिक व्यक्तियों के खिलाफ मामलों की वापसी और राज्य में कानून व व्यवस्था की ताज़ा समीक्षा की।गृह मंत्री ने कानून व व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए ज़रूरी निर्देश जारी करने अपर मुख्य सचिव(गृह) तथा डी जीपी को निर्देशित किया।ताम्रध्वज साहू ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाईयाँ की जमकर चर्चा की।इस पर अफसरों ने बताया कि चिटफंड कम्पनियों के खिलाफ परिणामजन्य कार्रवाई की गई है और अब तक लगभग 17,385 निवेशकों को 11 करोड़ 21लाख रुपए की धनराशि लौटाई जा चुकी है।गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने नक्सल प्रभावित इलाकों में पदस्थ जवानों को दी जा रही सुविधाओं(शुद्ध जल,मच्छरदानी,बुलेटप्रूफ जैकेट,आदि)उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।नक्सल घटनाओं पर गृह मंत्री ने कहा कि नक्सल-घटनाओं में 40 फीसदी की कमी आई है,वहीं करीबन 1199 नक्सलियों(माओवादियों) ने बीते तीन वर्षो मेंआत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा से खुद जोड़ा है।उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्माणाधीन कार्यों में सुरक्षा के उचित प्रबंध करने तथा विकास कार्यों में प्रगति करने के लिए नक्सल-प्रभावित क्षेत्रों में नए कैम्प स्थापित करने के भी निर्देश दिए और “विश्वास-विकास-सुरक्षा” के सूत्र-वाक्य पर आधारित नक्सल पुनर्वास नीति का खूब प्रसार-प्रचार करने के भी निर्देश दिए।बैठक में अफसरों ने आगे यह भी जानकारी दी कि बस्तर रेंज में स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए बस्तर फाइटर के 2800 पद,उपनिरीक्षक संवर्ग के रिक्त 975 पद तथा महिला नगर सैनिकों के रिक्त पदों में भर्ती के लिए कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है।यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर गांजा तस्करी व अन्य मादक द्रव्यों की रोकथाम के लिए चेकपोस्ट स्थापित किये जा रहे है,साथ ही ग्राम गोढ़ी में निर्माणाधीन जेल का काम भी तेजी से किया जा रहा है।विभाग की आय बढ़ाने की दिशा में ड्राई कैंटीन व पेट्रोल पम्प की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया है रहा है।
न्यायधानी बिलासपुर में पुलिस ने ब्राउन-शुगर और सफेद चंदन लकड़ी की तस्करी का किया पर्दाफ़ाश,,,,,,,,,
क्या ‘हमर छत्तीसगढ़’ में तस्करी के नए-नए हथकण्डे आज़माए जाने लगे है।ग़नीमत है कि छत्तीसगढ़-पुलिस की सतर्कता व चौकसी से तस्करों के हथकण्डे सफल नहीं हो पा रहे हैं लेकिन तस्करी की चालें ज़रूर बढ़ रहीं हैं।पडौसी राज्य ओडिसा से गांजा-तस्करी की जानकारियाँ अब किसी से छिपी नहीं हैं।अब तो पुलिस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप ओडिसा की बॉर्डर-सीमा पर पुलिस ने चेक-पोस्ट स्थापित किए जाकर ठोस कदम और
चौकसी बढ़ाई है।दूसरी तरफ,अब मादक द्रव्य या नशें के सामानों की अवैध बिक्री की रोकथाम करने बिलासपुर की पुलिस कप्तान पारुल माथुर ने “नारकोटिक्स सेल” का गठन कर पुलिस को इस दिशा में मुस्तैद किया है,जिसका परिणाम भी सामने आने लगा है। बिलासपुर में सिविल लाइन थाना पुलिस ने ब्राउन शुगर की तस्करी के मामले में 2
युवकों को गिरफ्तार कर उनके पास से करीब 63 हज़ार कीमत की 21 ग्राम मादक द्रव्य ” ब्राउन शुगर” की बरामदगी करने में सफलता हासिल की है।बताते है ,बिलासपुर में ब्राउन शुगर प्रति ग्राम ढाई हजार की कीमत पर बेची जाती है।युवकों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इन युवकों से बनारस के ड्रग-डीलर के बारे में पूछताछ कर कॉल डिटेल्स की पतासाजी कर रही है।पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर जरहाभाठा निवासी युवक आकाश खरे को घेराबंदी कर पकड़ा है,फिर इसकी निशानदेही पर उस युवक को भी जकड़ा है,जिसे वह ब्राउन शुगर की सप्लाई करता था।दूसरे युवक से स्कूटी व तीन मोबाइल भी पुलिस ने ज़ब्त किया है।इसी युवक से 10 हज़ार रुपए लेकर वह बनारस जाकर ब्राउन शुगर लाकर तस्करी करता था।पूछताछ में यह भी मालूम हुआ है कि ये खुद भी दोस्तों संग नशाखोरी करते थे और ब्राउन शुगर को ढाई हजार रुपए में प्रति ग्राम की दर से बेचा भी करते थे।पुलिस ने इनके खिलाफ एन पी डी एस एक्ट के तहत मामला दर्ज़ कर लिया है।पुलिस के इस कदम से यदि नशाखोरी और नशे के सामानों की बिक्री करने वाले युवाओं में ख़ौफ़ पैदा होता है तो पुलिस कप्तान पारुल माथुर की सजगता से युवा-पीढ़ी में जागरूकता बढ़ती है और वे नशाखोरी के जाल में फंसने से बचते हैं, तो बड़ी सफलता मानी जाएगी।इसके बाद,बिलासपुर ज़िला पुलिस ने संभवतः छत्तीसगढ़ में पहली दफे सफेद चंदन की लकड़ी की तस्करी का पर्दाफाश किया है और 100 किलो सफेद चंदन की लकड़ी की बरामदगी की है,जिसकी कीमत करीबन 5 लाख रुपए आंकी जा रही है।ये सफेद चंदन की लकड़ी की तस्करी का मामला रतनपुर थाना पुलिस ने दर्ज़ किया है।पुलिस सूत्रों के मुताबिक,सूचना मिली थी कि दो युवक बोरी में कुछ लेकर बस स्टैंड पर खड़े हैं और उत्तर प्रदेश जाने बस की प्रतीक्षा कर रहे है।पुलिस जब बस स्टैंड पहुंची तब युवक पुलिस को देखकर भाग खड़े हुए और खेतों की तरफ से फरार ही गए।पुलिस ने तब बोरी खोलकर देखा तो बोरी से सुगंधित लकड़ी मिली,जिसे सफेद चंदन माना गया।बताते हैं, रतनपुर में चंदन के पेड़ नहीं पाए जाते हैं,अनुमान लगाया गया कि सफेद चंदन के पेड़ गौरेला, अमरकंटक व कोरिया ज़िले में मिलते हैं।रतनपुर थाना के इंस्पेक्टर हरविंदर सिंह के अनुसार,इसी आधार पर माना गया कि युवक जो भाग गए,वे संभवतः गौरेला-अमरकंटक से सफेद चंदन की लकड़ी की तस्करी कर सड़क मार्ग से उत्तरप्रदेश के कन्नौज व कानपुर जाने वाले रहे होंगे,जहां इत्र बनाने का बड़ा कारोबार होता है।रतनपुर पुलिस की इस कार्रवाई से सफेद चंदन की लकड़ी की तस्करी का बड़ा मामला पहली दफे सामने आ पाया है,जिसके लिए बिलासपुर ज़िला पुलिस की सराहना करनी चाहिए।
‘हमर छत्तीसगढ़’की मशहूर शायरा,छत्तीसगढ़ उर्दू अकादमी की पूर्व अध्यक्ष(सदर)व बिलासपुर की उर्दू साहित्यकार सुश्री उज़्मा अख़्तर ने फरमाया है,,,//
“तालीम याफ्ता हुईं जिस दिन से बेटियां,,बस्ती में एक शख़्स भी ज़ाहिल नहीं रहा