NEW INDIA NEWS /CG
छत्तीसगढ़ में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध जून 2023 से लागू है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण मंडल की सुस्ती ने इस प्रतिबंध को कागजों तक सीमित कर दिया। हैरानी की बात यह है कि नगरीय प्रशासन विभाग को इस संबंध में निर्देश जारी करने में ढाई साल लग गए। 3 दिसंबर 2025 को जारी आदेश के बाद अब जाकर कार्रवाई की बात हो रही है, जबकि इस पूरे समय बाजारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक खुलेआम बिकता और इस्तेमाल होता रहा।
पर्यावरण कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने इसे गंभीर प्रशासनिक लापरवाही बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब निर्माण, भंडारण और बिक्री तीनों पर प्रतिबंध है, तो यह प्लास्टिक आ कहां से रहा है? प्रतिबंधित सूची में नॉन-वूवन बैग, थर्मोकोल उत्पाद, गुटखा-पान मसाला पाउच, छोटी पानी की बोतलें और मल्टीलेयर प्लास्टिक शामिल हैं, फिर भी अमल शून्य है।
सिंघवी ने चेतावनी दी कि प्लास्टिक प्रदूषण अब सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। माइक्रोप्लास्टिक मानव शरीर तक पहुंच चुका है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए धीमा जहर साबित होगा।
