Newindianews/CG छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस पार्टी के शहर जिला अध्यक्ष पद को लेकर इस बार एक नई सामाजिक और राजनीतिक मांग तेजी से उठ रही है। रायपुर की आम जनता और समाजिक संगठनों का कहना है कि इस बार कांग्रेस को अपने संगठन में सामाजिक संतुलन और प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए शहर जिला अध्यक्ष पद पर ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय से किसी योग्य नेता को मौका देना चाहिए।
यह मांग सिर्फ सामाजिक न्याय के पहलू तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक समीकरण और जमीनी सच्चाई भी जुड़ी हुई है। रायपुर जिले की जनसंख्या में ओबीसी वर्ग की भागीदारी काफी महत्वपूर्ण है और यह वर्ग वर्षों से कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक रहा है। इसके बावजूद, संगठनात्मक स्तर पर इस वर्ग को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है।
विभिन्न समाजिक संगठनों, बुद्धिजीवियों और स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि कांग्रेस वास्तव में सामाजिक न्याय और समान भागीदारी की बात करती है, तो उसे अपने आंतरिक ढांचे में भी इसका पालन करना चाहिए। ओबीसी वर्ग से अध्यक्ष बनाए जाने से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी, साथ ही आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में इसका सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
कांग्रेस की नीतियों और नेतृत्व को समर्थन देने वाले कई वरिष्ठ ओबीसी नेताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए निष्ठा और समर्पण से कार्य किया है। अब वक्त आ गया है कि पार्टी ऐसे समर्पित नेताओं को संगठन में प्रमुख भूमिका दे, जिससे आम कार्यकर्ताओं में भी नया उत्साह और विश्वास जगे।
गौरतलब है कि कांग्रेस हाईकमान द्वारा प्रदेश भर में संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया जारी है, ऐसे में रायपुर जैसे महत्वपूर्ण जिले में अध्यक्ष पद को लेकर होने वाला निर्णय पार्टी के सामाजिक संतुलन और राजनीतिक समझ का परिचायक माना जाएगा।
जनता की इस मांग ने रायपुर में एक नई राजनीतिक चर्चा को जन्म दे दिया है। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस नेतृत्व इस जनभावना का कितना सम्मान करता है और क्या वाकई में इस बार शहर जिला अध्यक्ष पद पर ओबीसी वर्ग के किसी नेता को अवसर प्रदान किया जाएगा।