New India News / Delhi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान यात्रा पर हैं, जहां वे अपने जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाया है। ऐसे में मोदी की यह यात्रा आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को गहरा करने की दिशा में बेहद अहम मानी जा रही है।
भारत-जापान साझेदारी में नई उड़ान
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पीएम मोदी ने यात्रा से पहले कहा कि इस दौरे के दौरान भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को नए चरण में ले जाया जाएगा।
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जापान अगले दशक में भारत के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए 10 ट्रिलियन येन (68 बिलियन डॉलर) का निवेश करेगा।
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फोकस क्षेत्रों में AI, सेमीकंडक्टर, पर्यावरण और मेडिसिन शामिल रहेंगे।
पीएम मोदी की जापान यात्रा का 10 एजेंडा
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15वां भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भागीदारी।
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भारत-जापान द्विपक्षीय व्यापार को 68 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने पर चर्चा।
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AI और सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी में सहयोग बढ़ाना।
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इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री और सेंदाई के शिंकानसेन प्लांट का दौरा।
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भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना में जापान की भूमिका को आगे बढ़ाना।
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दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को गहरा करना।
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भारतीय नौसेना और जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल के बीच जहाज रखरखाव सहयोग पर विचार।
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क्वाड देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करना।
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जापान-अमेरिका के बीच 550 अरब डॉलर निवेश पैकेज विवाद की पृष्ठभूमि में रणनीतिक तालमेल।
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यात्रा के बाद चीन के तियानजिन में एससीओ समिट में हिस्सा लेना।
क्वाड और वैश्विक समीकरण
भारत-जापान के बीच यह साझेदारी ऐसे समय पर हो रही है जब क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) का महत्व और भी बढ़ गया है। इस समूह को चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने और इंडो-पैसिफिक देशों को आर्थिक व रणनीतिक विकल्प देने के लिए अहम मंच माना जाता है।
ट्रंप को अप्रत्यक्ष संदेश?
ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने के बाद जापान की ओर भारत का झुकाव एक रणनीतिक संकेत माना जा रहा है। पीएम मोदी का मिशन टोक्यो से बीजिंग तक फैला है, जहां वे चीन में होने वाले एससीओ समिट में भी हिस्सा लेंगे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग व व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सकते हैं।