Newindianews/CG विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 2025 के अवसर पर ब्लू बर्ड फाउंडेशन द्वारा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति महिलाओं को जागरूक करना और समाज में इससे जुड़े मिथकों को तोड़ना रहा।
इस कार्यक्रम का आयोजन ब्लू बर्ड फाउंडेशन की डायरेक्टर श्रीमती सुधा वर्मा और होटल पाम क्लब इन एवं रूफटॉप वेलनेस की संचालिका श्रीमती सोना काले के संयुक्त प्रयास से किया गया। कार्यक्रम में “बाधाएं तोड़ना, आवाज़ों का उत्सव मनाना” थीम पर आधारित पैनल चर्चा और सम्मान समारोह आयोजित हुआ।
इस अवसर पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा और छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ की पहली महिला पैड निर्माता श्रीमती सुधा वर्मा ने कहा, “हमारा उद्देश्य है जागरूकता फैलाना और यह सुनिश्चित करना कि कोई भी लड़की अपने शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया को लेकर शर्म महसूस न करे।” वहीं, श्रीमती सोना काले ने शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी चर्चा को ज़रूरी बताया।
पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। श्री नारायण हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संजना अग्रवाल ने मासिक धर्म को “अशुद्ध” मानने की गलतफहमियों को दूर करते हुए इसे स्वास्थ्य का संकेत बताया। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. उज्ज्वला वर्मा ने सैनिटरी पैड के लंबे समय तक इस्तेमाल से होने वाले नुकसानों के बारे में जागरूक किया और समय-समय पर उत्पाद बदलने की सलाह दी।
स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉ. निमिषा काले ने विद्यालयों में मासिक धर्म शिक्षा की वकालत की। अमानत की सह-संस्थापक मिस आस्था वर्मा ने वंचित वर्ग की लड़कियों पर मिथकों के प्रभाव को रेखांकित किया।
माँ फाउंडेशन की निदेशक श्रीमती स्निग्धा चक्रवर्ती ने कहा, “मासिक धर्म का रक्त गंदा नहीं होता, यह एक स्वाभाविक और स्वच्छ प्रक्रिया है।” पुलिस निरीक्षक श्रीमती प्रियंका शर्मा ने पाठ्यपुस्तकों और व्यवहारिक शिक्षा के अंतर पर प्रकाश डालते हुए मिथकों के मानसिक प्रभावों की चर्चा की।
इस्कॉन प्रचारक मिस कामना बावनकर ने धार्मिक दृष्टिकोण से मासिक धर्म को निषिद्ध न मानने वाले संदर्भ साझा किए। विधि छात्रा मिस निधि काले ने मासिक धर्म अधिकारों को मानव अधिकार मानने की मांग की।
आत्म-रक्षा प्रशिक्षक श्रीमती हर्षा साहू ने मासिक धर्म के दौरान लड़कियों को शारीरिक रूप से कमजोर मानने वाले मिथकों को खारिज किया और स्कूलों में आत्मरक्षा तथा खेल की निरंतरता की बात कही।
खूबसूरत बुटीक की संचालिका श्रीमती सुनीता जड़वानी ने आत्मविश्वास बढ़ाने वाले परिधानों को अपनाने पर ज़ोर दिया और कहा कि घरेलू कामकाजी महिलाओं को शिक्षित कर समाज में बदलाव लाया जा सकता है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य, शिक्षा, आत्म-निर्भरता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। इनकी उपलब्धियों को सामाजिक प्रेरणा के रूप में सराहा गया।