Newindianews/Raipur: श्रम विभाग की मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के माध्यम से प्रदेश में 1464 से अधिक श्रमिकों की बेटियों को फायदा पहुंचाया गया है। इन बेटियों के बैंक खातों में करीब तीन करोड़ रूपये की राशि अंतरित की गई है। योजना के तहत पात्र श्रमिकों की बेटियों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के विकास के तहत श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार तथा आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान के लिए अनेक संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण योजना का उद्देश्य श्रमिकों की बेटियांें को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिक पात्र है। योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों को विभाग के अधिकारिक वेबसाइट बहसंइवनतण्दपबण्पद पर ऑन लाइन पंजीयन कराना होता है।
उल्लेखनीय है कि श्रमिक, मजदूर परिवार के आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी कमजोर होने से बच्चों खास तौर पर बेटियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ती है। ऐसी बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तथा उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा उनके विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत पात्र श्रमिक परिवार की प्रथम दो बेटियों जिनकी उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और 21 वर्ष से अधिक न हो तथा वह अविवाहित हो तथा ऐसे हितग्राही श्रमिक जिन्होंने मंडल की पूर्व में संचालित मिनीमाता कन्या विवाह योजना का लाभ ना लिया हो, को लाभान्वित किया जाता है। यह भी जरूरी है कि पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्री कम से कम 10 वीं क्लास पास हो। निर्माण श्रमिक की दो पुत्री को ही दिए जाने का प्रावधान है।