राहुल गांधी की घोषणा के बाद रायपुर में कामरान अंसारी की दावेदारी मजबूत
New India News / Delhi कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा हाल ही में दिए गए बयान—कि पार्टी की कमान ओबीसी, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्गों को दी जाएगी इसके बाद रायपुर में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को लेकर राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं।
राजधानी के गली–मोहल्लों से लेकर पार्टी के दफ्तर तक सबसे ज्यादा चर्चा पार्षद कामरान अंसारी के नाम की हो रही है। ओबीसी समाज से आने वाले अंसारी को युवाओं का चेहरा और संघर्षशील कार्यकर्ता माना जाता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनकी चर्चा एआईसीसी मुख्यालय, इंदिरा भवन तक पहुँच चुकी है।
पार्षद टिकट के समय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को हस्तक्षेप करना पड़ा
जानकारी के अनुसार, पार्षद टिकट के समय स्थिति ऐसी बनी थी कि खुद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को हस्तक्षेप करना पड़ा था। टिकट के अंतिम निर्णय में हुई देरी के कारण चुनावी तैयारी प्रभावित हुई और अंसारी मामूली अंतर से दूसरे स्थान पर रहे। बावजूद इसके, उनकी लोकप्रियता और जनाधार में कमी नहीं आई।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि समय रहते मौका मिला होता तो नतीजा पूरी तरह उनके पक्ष में जाता। यही कारण है कि इस बार रायपुर शहर जिला अध्यक्ष पद पर अंसारी के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी और खड़गे जिस तरह से संगठन में ओबीसी, दलित और वंचित वर्ग को प्राथमिकता दे रहे हैं, ऐसे में रायपुर जैसे अहम शहर की कमान भी इन्हीं तबकों से आने वाले दमदार नेता को मिलना स्वाभाविक है।
पार्टी के अंदरूनी हलकों में यह माना जा रहा है कि यदि कामरान अंसारी को यह जिम्मेदारी मिलती है तो कांग्रेस को न केवल संगठनात्मक मजबूती मिलेगी बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भी कार्यकर्ताओं में उत्साह और जोश बढ़ेगा।
