New India News/Internanional Desk
बीजिंग/मास्को। रूस ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता को अचानक रोक दिया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि संवाद के रास्ते खुले हैं, लेकिन यह कहना ज्यादा सही होगा कि वार्ता की वास्तविक प्रक्रिया में “एक विराम” आ गया है।
पुतिन का कूटनीतिक संकेत
गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था—
“अगर समझदारी से काम लिया जाए तो यूक्रेन युद्ध को कूटनीति के जरिए खत्म करने का एक मौका है।”
शुक्रवार को बीजिंग में चीन के साथ नए गैस पाइपलाइन समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पुतिन ने और भी सकारात्मक रुख दिखाया। उन्होंने कहा—
“सुरंग के अंत में एक रोशनी जरूर दिखाई दे रही है।”
ट्रंप का दबाव बना वजह?
पुतिन ने दावा किया कि यह समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘दोनों पक्षों पर समझौता करने के लिए दबाव बनाने की ईमानदार इच्छा’ से प्रेरित था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बैठक की “अच्छी तैयारी” हो और उसमें “ठोस परिणाम” निकलने की संभावना हो, तो वह मास्को में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मिलने को तैयार हैं।
यूक्रेन ने किया प्रस्ताव अस्वीकार
पुतिन के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही यूक्रेन के विदेश मंत्री ने मास्को में वार्ता आयोजित करने के विचार को “अस्वीकार्य” बता दिया।
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की लगातार अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने का आह्वान कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने पुतिन से सीधे संवाद की भी कोशिश की है।
ट्रंप का मध्यस्थता प्रस्ताव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को इस संकट में मध्यस्थ के रूप में पेश करते हुए नेताओं के शिखर सम्मेलन का समर्थन किया है। हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि अगर कूटनीति सफल नहीं हुई तो रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे।