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कोविड-19 के 100 करोड़ डोज़ पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री ने गलत जाकारियां दीं, देश से माफ़ी मांगें

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सवाल किया कि जब देश की 50 फ़ीसदी आबादी को कोविड का एक भी टीका नहीं लगा और सरकार की अक्षमता के कारण लाखों लोगों की जान चली गई तो फिर किस बात का जश्न मनाया जा रहा है? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत दुनिया का पहला देश बना, जहां टीकों की 100 करोड़ ख़ुराक दी गई है. जबकि 16 सितंबर, 2021 तक चीन में 200 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं

Newindianews/Delhi कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम संबोधन के बाद शुक्रवार (21 अक्टूबर) को दावा किया कि मोदी ने गलत जानकारियां देकर भ्रम फैलाया है, जिसके लिए उन्हें देश से क्षमा मांगनी चाहिए.

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सवाल किया कि जब देश की 50 फीसदी आबादी को कोविड का एक भी टीका नहीं लगा और सरकार की अक्षमता के कारण लाखों लोगों की जान चली गई तो फिर किस बात का जश्न मनाया जा रहा है?

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कोविड-19 रोधी टीकों की अब तक दी गई खुराक की संख्या 100 करोड़ के पार जाने की उपलब्धि की सराहना करते हुए शुक्रवार को कहा था कि भारत का टीकाकरण अभियान ‘विज्ञान-जनित, विज्ञान-संचालित और विज्ञान-आधारित’ है, साथ ही इसमें कोई ‘वीआईपी-संस्कृति’ भी नहीं है.

मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए लोगों से आगामी त्योहारों के दौरान भी कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने और किसी तरह की लापरवाही न करने की अपील की.

कांग्रेस प्रवक्ता वल्लभ ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री जी ने कुछ ऐसे तथ्य रखे जो आधे-अधूरे थे और गलत भी थे. इनसे वैज्ञानिक समुदाय में भ्रम फैल सकता है. हमारे यहां कहावत है कि नीम-हकीम खतरा-ए-जान. प्रधानमंत्री जी ‘एंटायर पोलिटिकल साइंस’, ‘इवेंटोलॉजी’ और ‘वस्त्रोलॉजी’ के बारे में बात कर सकते हैं. लेकिन स्वास्थ्य और महामारी जैसे संवेदशील विषय पर उन्हें गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए थी.’

उन्होंने दावा किया, ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार टीके बने हैं. मुझे लगता है कि यह भारत के वैज्ञानिकों, औषधि उद्योग, चिकित्सकों, नर्सों, कोरोना योद्धओं का अपमान है. सच्चाई यह है कि भारत पहले से ही टीकों के उत्पादन का बहुत बड़ा केंद्र है.’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत में 1960 के दशक में तपेदिक के नियंत्रण का कार्यक्रम आरंभ किया गया था. 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने एक साथ छह बीमारियों के लिए टीकाकरण आरंभ किया, लेकिन कहीं अपना फोटो लगाकर विज्ञापन नहीं किया. 2011 में टीकाकरण नीति बनाई गई.’

वल्लभ ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि भारत दुनिया का पहला देश बना, जहां टीकों की 100 करोड़ खुराक दी गई है. जबकि 16 सितंबर, 2021 तक चीन में 200 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं.’

उनके मुताबिक, ‘दुनिया के कितने देशें की आबादी 50 करोड़ से ज्यादा है? ऐसे सिर्फ दो देश भारत और चीन हैं. ऐसे में टीकों की खुराक की संख्या की तुलना हम किसी तीन करोड़ की आबादी वाले देश से कैसे कर सकते हैं? हमें तो सिर्फ चीन से तुलना करनी चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘क्या यह महोत्सव का समय है जब 50 फीसदी आबादी को एक भी टीका नहीं लगा है? हमारे यहां तो सिर्फ 21 फीसदी आबादी को दोनों टीके लगे हैं. चीन में एक महीने पहले 80 फीसदी आबादी को दोनों टीके लग चुके थे.’

वल्लभ ने सवाल किया, ‘क्या यह महोत्सव का समय है जब स्कूल जाने वाले बच्चों को टीका लगना अभी आरंभ नहीं हुआ? हम कैसे जश्न मना सकते हैं जब रोजाना टीकाकरण की संख्या घटती जा रही है? क्या यह महोत्सव का समय है जब पिछले साढ़े नौ महीनों में डीजल की कीमत में 29 फीसदी और पेट्रोल की कीमत में 27 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है? ऐसा कौन सा व्यक्ति है जिसकी आय में नौ महीने के भीतर इतनी बढ़ोतरी हुई?’

उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर प्रधानमंत्री इस बात का जवाब देते कि 31 दिसंबर, 2021 तक देश की पूरी आबादी के टीकाकरण का उनका वादा कब पूरा होगा.

वल्लभ ने सरकार से कहा, ‘कृपया एक श्वेत-पत्र साझा करें कि हम अपनी पूरी वयस्क आबादी का टीकाकरण करने के लिए अगले 70 दिनों में 106 करोड़ टीके कैसे प्राप्त करने जा रहे हैं.’

कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने अपनी ताली-थाली वाले इवेंट को सही ठहरा रहे थे. जब कई देश टीकों का ऑर्डर दे रहे थे तो हमारे यहां ताली-थाली बजाई जा रही थी. जब हमारे यहां टीकों की जरूरत थी तो दुनिया के दूसरे देशों में टीके भेज दिए गए. क्या इसके लिए धन्यवाद किया जाए?’

उन्होंने प्रधानमंत्री की ‘वीआईपी संस्कृति’ वाली टिप्पणी से जुड़े सवाल पर कहा, ‘प्रधानमंत्री जी, टीकाकरण में वीआईपी संस्कृति की कैसे बात कर रहे हैं? क्या पहले पोलियो की खुराक गरीब परिवारों के बच्चों को दो बूंद और वीआईपी परिवारों के बच्चों को तीन बूंद दी जाती थी? उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए.’

गौरव वल्लभ ने ये भी कहा, ‘हम आपसे इस मुद्दे पर बोलने की उम्मीद कर रहे थे, जब जम्मू कश्मीर में पिछले दो हफ्तों में 32 लोगों की हत्या कर दी गई थी और नौ सैनिकों ने हमारी मातृभूमि को बचाने के लिए बलिदान दे दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री के पास इस तरह की चीजों के लिए समय नहीं है.’

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